पृथ्वी का वातावरण एक ऐसी ही अत्याधिक जटिल प्रणालीयों मे से एक है। मनाबे और हाइसेलमन ने वातावरण के भौतिक गणितीय माडेल के निर्माण मे महत्वपूर्ण क्रांतिकारी आरंभिक नींव निर्माण का कार्य किया है। परीसी ने जटिल प्रणाली सिद्धांत संबधित अनेक समस्याओं के हल के लिए सैद्धांतिक समाधानों पर कार्य किया है। सुकीरों मनाबे ने दर्शाया कि वातावरण मे कार्बन डाई आक्साइड की बड़ी हुई मात्रा से पृथ्वी की सतह पर तापमान बढ़ा है। 1960 के दशक मे उन्होंने पृथ्वी के वातावरण के माडेल के निर्माण कार्य मे योगदान दिया और वे विकिरण संतुलन और उसके द्वारा वायु द्रव्यमान के ऊर्ध्वाधर स्थानांतरण के मध्य सम्बद्ध खोजने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके इस कार्य से मौसमी माडेल निर्माण की नींव का निर्माण हुआ। इसके दस वर्ष पश्चात क्लाउस हाइसेलमन वातावरण और मौसम को जोड़ने वाला माडेल बनाया। इस माडेल ने दर्शाया कि किस तरह से वातावरण के अव्यवस्थित और अराजक होने के बावजूद मौसमी माडल मे मे बदलाव की गणना की जा सकती है और सटीक पूर्वानुमान लगाए जा सकते है। उन्होंने ऐसी विधियों की खोज की जिसके द्वारा मौसम मे प्राकृतिक तथा मानवीय हस्तक्षेप द्वारा पड़ने वाले विशिष्ट संकेतों और हस्ताक्षरों को पहचाना जा सकता है। उनकी इन्ही विधियों से प्रमाणित किया गया कि पृथ्वी पर बढ़ते तापमान के लिए मानव द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाई आक्साइड उत्तरदाई है। 1980 के आसपास जिओर्जिओ परीसी ने जटिल प्रणालियों मे छुपे हुए पैटर्न की खोज की। उनकी खोज जटिल प्रणाली सिद्धांत के अध्ययन मे सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। उनकी खोजो के द्वारा किसी पूर्णत: अव्यवस्थित जटिल पदार्थ या घटना को समझना और उससे संबधित भिन्न भिन्न कारकों की व्याख्या संभव हुई है। इन खोजों का प्रयोग भौतिकी के अतिरिक्त अन्य क्षेत्र जैसे गणित, जीव विज्ञान, तंत्रिका विज्ञान और मशीन लर्निंग होता है।
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Friday, 8 October 2021
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» 2021 भौतिकी नोबेल पुरस्कार : सुकोरो मनाबे , क्लाउस हैसलमेन तथा जिओर्जिओ परीसी
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