प्रकाश (Light). जिसके बिना सबकुछ अंधकारमय हैं. केवल प्रकाश से ही हम सबकुछ देख सकते हैं. प्रकाश हमारे और ब्रह्माण्ड के बिच की संपर्क कड़ी हैं. प्रकाश के माध्यम से हम अन्तरिक्ष में दूर के सितारों को और ब्रह्माण्ड के अस्तित्व की शुरुआत को भी देख सकते हैं. लेकिन What is Light? प्रकाश क्या हैं?
प्रकाश उर्जा की एक छोटी से मात्रा हैं जिसका परिवहन किया जा सकता हैं. एक फोटोन, जो की एक प्राथमिक कण होता हैं और जिसका कोई वास्तविक आकार नहीं होता हैं. उसे कभी भी विभाजित नहीं किया जा सकता. केवल बनाया और नष्ट किया जा सकता हैं.
प्रकाश एक लहर-कण (Wave-Particle) द्वंद्व है. यह एक ही समय पर कण और लहर दोनों होता हैं. जब हम बोलते हैं प्रकाश, तब हमारा मतलब प्रत्यक्ष प्रकाश से होता हैं, जो की विद्युत-चुम्बकीय वर्णक्रम (Electromagnetic Spectrum) का एक छोटा सा भाग है. मतलब की वह विद्युत-चुम्बकीय विकिरण के रूप में ऊर्जा होती हैं. यह विद्युत-चुम्बकीय विकिरण तरंग-लंबाई और आवृत्तियो की एक विशाल रेंज से मिलकर बनता है. गामा रे केवल 10 पिकोमीटर निचे की ही होती हैं. जो कि अभी भी यह एक हाइड्रोजन परमाणु से कई गुना छोटी होंगी.
दृश्य प्रकाश स्पेक्ट्रम के बीच में लगभग 700 नैनोमीटर से 400 नैनोमीटर की रेंज में होता हैं, जो की एक बैक्टीरिया के आकार जितना हैं. स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर रेडियो तरंगे व्यास में 100 किलोमीटर तक की भी हो सकती है. अबतक की मौजूदा सबसे बड़ी तरंग लंबाई हम जानते हैं वह 10,000 किलोमीटर से लेकर 100,000 किलोमीटर जितनी हैं, पृथ्वी से कई गुना बड़ी. भौतिकी के नजरिए से देखे तो यह सब तरंगे एक जैसी ही हैं. वे सभी लहर कण (Wave-Particle) द्वंद्व है और प्रकाश की गति ‘C’ से यात्रा करते हैं, लेकिन केवल अलग अलग आवृत्तियों पर. तो फिर ऐसा क्या हैं जो द्रश्य प्रकाश को खास बनता हैं?
खैर … जवाब हैं कुछ भी नहीं. हम इन्सान विकसित आँखों के साथ पैदा हुए हैं, जो की विद्युत-चुम्बकीय वर्णक्रम के बिलकुल मध्य हिस्से को रजिस्टर करने के लिए अच्छी कारीगर होती हैं. लेकिन फिर भी यह एक पूरा संयोग नहीं है. दृश्य प्रकाश विद्युत चुम्बकीय विकिरण का एक सेट होता है, जो की पानी में होने पर प्रसारित होता हैं. प्रकाश पदार्थ के साथ केवल ही इंटरैक्ट नहीं करता हैं बल्कि पदार्थ के द्वारा उसमे बदलाव भी होता हैं. इसका हमारे आसपास की दुनिया के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल होता हैं. जो की अस्तित्व के लिए यकीनन बहुत उपयोगी चीज़ है.
ठीक हैं, प्रकाश कहाँ से आता हैं? यह विद्युत चुम्बकीय तरंगों का एक विशाल रेंज होती हैं. परमाणु और अणु जब उर्जा की उच्च अवस्था से नीची अवस्था तक आते हैं तब अपनी उर्जा खो देते हैं और उस उर्जा को रेडिएशन के रूप में बाहर फेंकते हैं. अगर आप सूक्ष्म स्तर पर देखेंगे तो द्रश्य प्रकाश तब उत्पन होता हैं जब परमाणु के अन्दर का इलेक्ट्रान उत्तेजित अवस्था के दौरान उर्जा की ऊँची अवस्था से नीची अवस्था पर आता हैं और अतिरिक्त ऊर्जा खो देता है. इलेक्ट्रान का गतिशील चार्ज एक हिलता हुआ चुंबकीय क्षेत्र बनाता हैं. जो की उसके लंबरूप एक हिलता हुआ इलेक्ट्रिक क्षेत्र भी बनाता हैं. यह दो क्षेत्र अंतरिक्ष(space) के माध्यम से खुद को स्थानांतरित करते हैं और उर्जा को एक जगह से दूसरी जगह पर स्थानांतरित करते हैं. इसके साथ साथ वे जहाँ भी जाते हैं अपने साथ सृजन की अपनी जगह के बारे में जानकारी भी लेकर जाते हैं. मतलब की वे जहाँ होते हैं वह जगह अस्तित्व में आती हैं.
ब्रह्माण्ड में सबसे ज्यादा गति प्रकाश की हैं. मतलब की “C”. जिसकी रफ़्तार लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड हैं. विद्युत-चुम्बकीय विकिरण इस तेजी से स्थानांतरित होता हैं. कोई कण जिसका कोई वजन नहीं होता, वह प्रकाश की रफ़्तार “C” से बिना किसी तरह की वेगवृद्धि या त्वरण (acceleration) से यात्रा करता हैं. एक मोमबत्ती से निकला हुआ प्रकाश तब तक उसकी गति नहीं बाधा सकता जब तक वह प्रकाश की गति तक न पहुँच जाए.
तो फिर प्रकाश की गति सिमित क्यों हैं? खैर, कोई नहीं जानता. शायद हमारा ब्रह्माण्ड इसी तरह से बनाया गया है. हमारे पास अभी इसका कोई स्मार्ट जवाब नहीं है.
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