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Sunday 9 September 2018

परग्रही जीवन भाग 4 :बोरान आधारित जीवन

सिलिकान के पश्चात बोरान अकेला तत्व है जोकि कार्बन को चुनौती दे सकता है। यह तत्व आवर्तसारणी मे कार्बन के बांए स्थित है, जबकि सिलिकान कार्बन के नीचे है। जैव रसायनशास्त्रीयों की बोरान मे दिलचस्पी का कारण इसके द्वारा प्रदर्शित बहुआयामी तथा अत्याधिक असामान्य रासायनिक व्यवहार है। यह सिलिकान के जैसे उच्च तापमान पर बहुत से यौगिक का निर्माण कर सकता है। बोरान रसायन का अध्ययन समुचित तरिके से नही हुआ है लेकिन जैवरसायन मे इस तत्व की बहुत सी ज्ञात कमीयाँ है।
सर्वप्रथम बोरान हायड्रोकार्बन के समरूप या सरल शृंखला रूपी आधार अणुओं का निर्माण नही कर पाता है जोकि जटिल जैव अणु के लिये रीढ़ होते है।

द्वितिय समस्या है कि बोरान प्रकृति मे आसानी से पाया नही जाता है। पृथ्वी पर भूपर्पटी मे सिलिकान की तुलना मे यह एक लाख गुणा कम तथा कार्बन की तुलना मे 100 गुणा कम है। कुल मिला कर निष्कर्ष निकलता है कि यदि बोरान उपलब्ध है तो कार्बन भी उप्लब्ध होगा, इसलिये यदि बोरान आधारित जीवन पनपता है जो कार्बन आधारित जीवन पनपने की संभावना अधिक होगी, साथ ही सिलिकान आधारित जीवन होने की संभावना बोरान आधारित जीवन से अधिक होगी।
तृतीय बोरान आक्साईड (BO)ठोस होता है जोकि बोरान आधारित जैव प्रक्रियाओं का उत्पाद होगा, इसके उत्सर्जन मे भी कठिनाई होगी। यह समस्या हमने सिलिकान आधारित जीवन मे सिलिकान डाय आक्साईड के रूप मे भी देखी थी।

विशेष परिस्थिति : बोरान नाइट्रोजन रसायन

बोरान के साथ उपरोक्त समस्याओं के चलते एक और विकल्प पर विचार किया गया। बोरान और नाइट्रोजन परमाणूओं की एक के बाद एक शृंखला का। बोरान आवर्तसारणी मे कार्बन के बायें तथा नाइट्रोजन कें दायें है, इससे बोरान और नाइट्रोजन परमाणु युग्म कार्बन परमाणु युग्म के जैसे व्यवहार करते है। इस बोरान-नाइट्रोजन युग्म को कभी कभी छद्म-कार्बन भी कहा जाता है और इस युग्म मे कई कार्बनिक पदार्थो के समरूपो का निर्माण होता है। उदाहरण के लिये बेंजीन का बोरान-नाइट्रोजन समरूप बोराजीन(Borazine) है। इसके अलावा हीरे, ग्रेफ़ाइट और कार्बन नैनोट्युब के समरूप भी उपलब्ध है।

इन सब आशा निर्माण करने वाली संभावना के बावजूद बोरान-नाइट्रोजन रसायन वैकल्पिक जैवरसायन के लिये एक कमजोर उम्मीदवार है।

  • सर्वप्रथम ये यौगिक प्रकृति मे दुर्लभ है, इससे इनके प्राकृतिक रूप से प्राथमिक जीवन निर्माण करने वाली मात्रा मे उपलब्धता पर प्रश्न चिह्न लग जाता है।
  • द्वितीय, इन यौगिको मे से अधिकांश अपने कार्बनिक समरूपो की तुलना मे तापीय रूप से स्थाई नही है।
  • तृतीय, इन यौगिको मे कार्बनिक पदार्थो के एक छोटे से भाग के समरूप ही है और इनमे जैव रसायन के लिये आवश्यक विविधता तथा लचीलापन नही है।
  • चतुर्थ, ये यौगिक कार्बनिक समरूप पदार्थो की तुलना मे अधिक क्रियाशील है, इससे बना जीवन कम तापमान मे ही रह पायेगा।
  • पांचवा, इनमे अधिकतर यौगिक जल मे विलेय है, जिसमे उपर बताये बोराजीन का भी समावेश है, इसलिये इसपर आधारित जीवन जल का आंतरिक विलायक के रूप मे प्रयोग नही कर पायेगा।

इन सब परेशानीयों की रोशनी मे बोरान-नाइट्रोजन रसायन से जीवन की संभावना नगण्य प्रतीत होती है।

कार्बन आधारित जीवन का कोई विकल्प नजर नही आता है।

खगोलजैव शास्त्री अकार्बनिक जीवन की संभावना खोजने मे जी जान से लगे हुये है। ये सभी आईडीये चमत्कृत अवश्य करते है लेकिन सभी मे गंभीर कमिया और खामीयाँ है। इन्ही कारणो से पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज करते समय केवल कार्बन आधारित जीवन की खोज पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। अब तक अकार्बन आधारित जीवन के विकल्प के रूप मे एक भी विस्तृत अवधारणा सामने नही आ पाई है। इस स्तिथी मे निकट भविष्य मे भी किसी परिवर्तन होने की संभावना नगण्य है।

अगले लेखों मे हम जीवन की “जल बीन जीवन” की संभावना पर विचार करेंगे।



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