अगर आप ब्रह्मांड की हर एक भौतिक चीज़ को ले, आप को उनके भीतर आखिर में ” कुछ भी नहीं (NOTHINGNESS) ” ही मिलेगा। लेकिन What is Nothing? NOTHING पूरी तरह से खाली जगह, पूर्णरूप से ठंडा, मौन और अंधकार है। NOTHING अनंत और अविनाशी है। यह हिलता नहीं हैं और उसकी जरुरत भी नहीं हैं। यह पहले से ही हर जगह पर है। ब्रह्मांड में हमारे स्वयं के शरीर सहित अधिक से अधिक 99.99% खालीपन है।
सभी भौतिक चीज़े जो परमाणुओं से बनी हैं ज्यादातर खाली जगह हैं। अगर परमाणु के न्युक्लियस का आकर एक कंचे जितना होता तो उसका इलेक्ट्रोन धुल के कण जितना होता और आधा माईल दूर से न्युक्लियस का चक्कर काट रहा होता। अगर आप परमाणु के न्यूक्लियस और इलेक्ट्रोन को छोड़ के अपने शरीर की सारी खाली जगह को मिटा दे, तो 7 अरब जितने मानव शरीर एक चीनी के दाने जितनी जगह में फिट हो जायेंगे। ब्रह्माण्ड की हर भौतिक चीजों में इतनी खाली जगह होती हैं।
सौरमंडल का सही स्केल |
हमारे सौरमंडल को आप जैसा पुस्तकों में देखते हैं वैसा वह बिलकुल नहीं हैं। पुस्तकों में सूर्य और अन्य ग्रहों के बिच में जो स्केल दिखाया जाता हैं अह सही स्केल नहीं होता हैं क्योंकि सही स्केल को पुस्तक में दर्शाया ही नहीं जा सकता। सही स्केल कुछ इस तरह हैं, अगर सूरज का आकार बास्केट बॉल जितना मान ले तो पृथ्वी एक छोटे से गेहूं के दाने जितनी होती और सूरज से 93 फीट दूर होती। प्लूटो का आकार छोटे से रेत के दाने जितना होता और वह सूरज से आधा माइल दूर होता।
कौन तेज हैं ? प्रकाश की गति या अँधेरे की गति ? लाइट को बंद कीजिये और अँधेरे से पहले अपने बिस्तर तक पहुँचाने का प्रयास कीजिये। मैं सिर्फ मजाक कर रहा हूँ, लेकिन मैं एक बात कहने की कोशिश कर रहा हूँ। आप NOTHING को बंद नहीं कर सकते। वह हमेशां एक जैसा ही रहता हैं, हर समय हर जगह पर रहता हैं।
आइंस्टीन की General Relativity का समीकरण दर्शाता हैं की अंतरिक्ष मुड़ सकता हैं और साबित करता हैं की NOTHING ” कुछ ना कुछ (SOMETHING) ” तो हैं ही जो पदार्थ या किसी भी चीज़ को कुछ भी करने की जगह देता हैं। खाली जगह का एक आकार हैं जो की अंतरिक्ष हैं। यह अंतरिक्ष जो गुरुत्वाकर्षण को पैदा करता हैं जो पूरे ब्रह्माण्ड को बनाता हैं। यह ग्रहों को अपनी कक्षा में टिकाए रखता हैं और तारों को जलाये रखता हैं, और यह खली जगह हैं, और कुछ नहीं।
मैं हमेशा आइंस्टीन की General Relativity के बारे में सोचता था की इसका व्यावहारिक लाभ क्या हैं, पर आज जान गया हूँ। यह साबित करता हैं की NOTHING IS SOMETHING, जो ब्रह्माण्ड को बनाता हैं और कंट्रोल करता हैं। यह गुरुत्वाकर्षण बनाता हैं, गुरुत्वाकर्षण ग्रहों और तारों बनाता है, तारे सारी उर्जा और MATTER को केन्द्रित करते हैं और छोड़ते हैं। इस तरह सभी भौतिक वस्तुए NOTHING से बनी हैं, 0 = 2 । Actually NOTHING IS MORE THAN SOMTHING। यह लोगो की सोच से एकदम विपरीत चीज़ हैं। कुछ चीजें हैं जो सचमुच मन से परे हैं। आप सिर्फ उन्हें जान सकते हैं। आप NOTHING को देख नहीं सकते या अनुभव नहीं कर सकते, यह नामुम्किन हैं।
हमारी चेतना भी NOTHING की तरह है। यह भी सभी चीजों के बिच में खाली जगह हैं। आप इसके अन्दर नहीं देख सकते हैं लेकिन उसका विपरीत करते हैं। आप अपनी इन्द्रियों के माध्यम से बाहर देखते हैं। जब आप सबकुछ अनुभव कर रहे हैं, उसी वक्त आप कुछ भी नहीं हैं। आप को “कुछ नहीं (NOTHING) ” बनना पड़ेगा सबकुछ अनुभव करने के लिए। अगर आप ” कुछ (ANYTHING) हैं, तो सबकुछ (EVERYTHING) के लिए कोई जगह नहीं हैं। यह एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण है। आप कहीं नहीं से सब जगह देख रहे हैं।
0 = 2 |
विज्ञान हमें सबकुछ गाणितिक स्वरुप से संमजाने की कोशिश कर रहा हैं जो unified field equation है। यह हमें गाणितिक रूप से समजाता हैं की सभी चीज़े वैसी ही क्यों है जैसी वह हैं।
दो चीज़े जो एकदूसरे से विरुद्ध संतुलित हो रही हैं, एक positive हैं और एक negative हैं। दोनों एक दुसरे को रद्द करती हैं, यानी 2 = 0। यह 0 = 2 भी हो सकता हैं। आल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था Everything should be made as simple as possible, but not one bit simpler।
आप ब्रह्माण्ड को केवल समज सकते हैं, अगर आप उसे जीवन के नजरिये से देखे तो। आप इसे मन के नजरिये से कभी नहीं समज सकते, क्योंकि यह NOTHING को साबित नहीं कर सकता। हम किसी अनंत चीज को नहीं समज सकते, जब की अनंत ही सभी चीजों की प्रकृति हैं।
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