2018 का भौतिकी नोबेल आर्थर एश्किन(Arthur Ashkin) के साथ गेराड मौरौ (Gérard Mourou)तथा डोना स्ट्रिकलैंड(Donna Strickland) दिया गया है।
रायल स्विडीश अकादमी के अनुसार 2018 के भौतिकी नोबेल पुरस्कार लेजर भौतिकी के क्षेत्र मे क्रांतिकारी कार्य के लिये दिया गया है। इस पुरस्कार की आधी राशी आर्थर एश्किन को आप्टीकल ट्वीजर और उनके जैविक प्रणालीयों पर प्रभाव के लिये चुना गया है।
शेष राशी संयुक्त रूप से गेराड मौरौ तथा डोना स्ट्रिकलैंड को अत्याधिक ऊजा वाली अत्यंत सूक्ष्म लेजर पल्स उत्पन्न करने की विधि के लिये दिया गया है।
आर्थर एश्किन(Arthur Ashkin) की खोज ने विज्ञान फतांशी को जमीन पर उतारा है। आप्टीकल ट्वीजरस(Optical Tweezers) के प्रयोग से प्रकाश के प्रयोग से पदार्थ का निरिक्षण, मोड़ना, काटना, धकेलना और खींचना संभव है। बहुत सी प्रयोगशालाओं मे आप्टीकल ट्वीजरस(Optical Tweezers) के प्रयोग से जैविक प्रक्रियाओं का अध्य्यन किया जाता है जिसमे प्रोटीन, आण्विक मोटर, डी एन ए तथा कोशिकाओं की आंतरिक कार्यप्रणाली का समावेश है।
एश्किन के आप्टीकल ट्वीजर कणो, परमाणुओ अणुओं को लेजर बीम के द्वारा पकड़ते है। वे वायरस , बैक्टेरीया और अन्य जीवित कोशीकाओं का अध्ययन और उनमे परिवर्तन करते है, इस प्रक्रिया मे जीवित कोशीकाओं को कोई हानि नही होती है। इसके द्वारा जैविक मशीन के निरिक्षण और नियंत्रण के नये अवसर उत्पन्न हुये है।
डोना स्ट्रिकलैंड भौतिकी का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली तीसरी महिला है। इसके पहले यह पुरस्कार 1903 मे मेरी क्युरी को तथा 1963 मे मारीया गोएप्पेर्ट मेयर को मिला था।
गेराड मौरौ और डोना स्ट्रिक्लैंड की लेजर तकनीक को चिर्पड पल्स अम्प्लीफ़िकेशन कहा जाता है। इसमे एक छोटी लेजर पल्स को समय के साथ विस्तार देते हुये , एम्प्लीफ़ाय कर वापस संकुचित किया जाता है।
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