सन 1954 में प्रिंसटन विश्व विद्यालय के युवा डॉक्टरल उम्मीदवार Hugh Everett III ने पहली बार समानांतर ब्रह्माण्ड या Parallel Universes का विचार दिया था. उन्होंने कहा था की हमारे अपने ब्रह्माण्ड की तरह दूसरे कई समानांतर ब्रह्माण्ड मौजूद हो सकते हैं और वह सभी ब्रह्माण्ड हमारे ब्रह्माण्ड से संबंधित हो सकते हैं.
दरअसल, हमारा ब्रह्माण्ड किसी शाखा की तरह दूसरे ब्रह्माण्डो से जुड़ा हुआ हैं. सभी ब्रह्माण्ड एकदूसरे से इसी तरह जुड़े हैं जैसे हमारा अपना ब्रह्माण्ड सबके साथ जुडा हैं. इन समानांतर ब्रह्माण्डो के भीतर, हमारे ब्रह्माण्ड की मौजूदा परिस्थितियाँ आज जैसी भी हैं, दूसरे ब्रह्माण्ड में उससे अलग परिस्थितियाँ हो सकती हैं. उदहारण के लिए हमारे ब्रह्माण्ड में अभी जो प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं, वह दूसरे किसी ब्रह्माण्ड में फलफूल रही हो सकती हैं. किसी ब्रह्माण्ड के भौतिकी के नियम हमारे ब्रह्माण्ड से पूरी तरह से अलग हो सकते हैं या हमारे नियमों से पूरी तरह से विरुध्ध भी हो सकते हैं. वैसे तो यह विचार दिमाग चकरा देनेवाला हैं लेकिन अभी भी समजने के योग्य है.
इस थ्योरी के मुताबिक आपके कई प्रतिरूप हो सकते हैं. मान लीजिये अभी आप इस ब्रह्माण्ड में यह ब्लॉग पढ़ रहे हैं, हो सकता हैं हमसे समानांतर दूसरे किसी ब्रह्माण्ड में आप ब्लॉग पढ़ चुके हैं और अन्य किसी ब्रह्माण्ड में आप अभी ब्लॉग पढ़ने बैठने ही वाले हैं. अन्य ब्रह्माण्ड में आप लंच कर रहे होगें तो अन्य में डिनर. किसी ब्रह्माण्ड में आप गाड़ी चला रहे होंगे तो किसी अन्य में बस में बैठे होंगे. कोई भी संभावनाए जिन्हें आप सोच रहे हैं और जिन्हें आप नहीं सोच रहे हैं वह सभी समानांतर ब्रह्माण्ड में अभी घटित हो रही हैं. इन अनंत संभावनाओं में से कोई एक संभावना आप के लिए सच्चाई बन जाती हैं. बाकी सब संभावनाए अन्य ब्रह्माण्डो में घटित होकर उनकी सच्चाई बन जाती हैं. जैसे की आप अभी यह ब्लॉग पढ़ रहे हैं, यह आप की सच्चाई हैं. वैसे आप चाहते तो कुछ और भी कर सकते थे. इस ब्रह्माण्ड में आपकी क्रिया ही आपका आनेवाला परिणाम निश्चित करती हैं.
अगर Everett की थ्योरी सही हैं तो – जब हम कोई एक्शन लेते हैं या क्रिया करते हैं तब ब्रह्माण्ड में होनेवाले परिणामों का विभाजन हो जाता हैं. यह तभी भी होता जब कोई व्यक्ति क्रिया नहीं करता. उसका क्रिया न करना भी एक एक्शन ही हैं. इसका मतलब आप के साथ कभी भी ऐसे हालत हो गए हो जिनमे आपका मौत एक परिणाम हो सकता था तो दूसरे समानांतर ब्रह्माण्ड में आप अभी मर चुके हैं. या किसी ब्रह्माण्ड में अभी आपका जन्म ही नहीं हुआ हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सभी जुड़े हुए समानांतर ब्रह्माण्ड किसी एक विशाल Multiverse में मौजूद हो सकते हैं. इस Multiverse में सारे ब्रह्माण्ड छोटे बुलबुलों के रूप में होते हैं. हर एक बुलबुला बड़े आकर में फैलता रहता हैं मतलब हर एक ब्रह्माण्ड का विस्तार होता रहता हैं. लेकिन इस थ्योरी को सही साबित करने के लिए अभी किसी तरह के कोई भी पक्के सबूत नहीं हैं. Multiverse के बारे में मैं भविष्य में अवश्य लिखूंगा.
ज्यादातर लोग समानांतर ब्रह्माण्ड के विचार को पसंद करते हैं, क्योंकि यह विचार एक ऐसी दुनिया के बारे में होता हैं जिसमे दूसरा मौका मिलने की संभावना होती हैं. इस ब्रह्माण्ड में तो आपने गलती कर दी लेकिन दूसरे ब्रह्माण्ड में तो आप उसे सुधर ही लेंगे या होने ही नहीं देंगे. मुझे तो यह बहुत ही पसंद हैं. काश यह सच भी हो.
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