नासा के अंतरखगोलीय सीमा अन्वेषक यान ( Interstellar Boundary Explorer -IBEX) ने हमारे सौर मंडल के कुछ महत्वपूर्ण तत्वों के वितरण मे अद्भुत विषमता की खोज की है। विशेषतः हमारे सौर मंडल मे आक्सीजन की मात्रा ज्यादा क्यों है ?
IBEX को 2008 मे सौर मंडल के बाहर खगोलीय माध्यम की जांच के लिये प्रक्षेपित कीया गया था। यह खोजी अंतरिक्ष यान तब से सौर मंडल मे 52,000 मील/घंटा की गति से प्रवाहित उदासीन आक्सीजन, नियान तथा हीलीयम की धारा से संबधित आंकड़े एकत्रित कर रहा है। उसने पाया कि खगोलिय माध्यम मे आक्सीजन के 74 परमाणु प्रति 20 नियोन परमाणु है, जबकि यह सौर मंडल मे यह अनुपात 111आक्सीजन परमाणु प्रति 20 नियान परमाणु है।
IBEX अभियान के प्रमुख जांचकर्ता डेवीड मैककोमास के अनुसार
“हमारा सौर मंडल उसके बाहर के अंतराल से भिन्न है, यह दो संभावना दर्शाता है। या तो सौर मंडल अपनी वर्तमान स्थिति से अलग से आकाशगंगा के आक्सीजन से भरपूर भाग मे बना है या जीवन प्रदान करने वाली आक्सीजन की एक बड़ी मात्रा खगोलीय धूल या बर्फ मे बंधी है और स्वतंत्र रूप से अंतरिक्ष मे विचरण मे असमर्थ है।”
जब सौर मंडल आकाशगंगा मे विचरण करता है वह ब्रह्माण्डीय विकिरण से हीलीयोस्फीयर द्वारा रक्षित रहता है। यह हीलीयोस्फीयर सूर्य उष्मीय तथा चुंबकीय त्वरण द्वारा उत्सर्जित आवेशित कणो की धारा से बना बुलबुला है। यह बुलबुला सौर मंडल से बाहर से आये आवेशित कणो को सौर मंडल मे प्रवेश से रोकता है लेकिन उदासीन कण सौर मंडल मे स्वतंत्र रूप से प्रवेश कर सकते है और इन्ही कणो का IBEX ने मापन कीया है।
IBEX के एक वैज्ञानिक एरीक क्रिश्चीयन के अनुसार :
हमारे हीलीयोस्फीयर पर आकाशगंगा के पदार्थ तथा चुंबकिय क्षेत्र द्वारा उत्पन्न दबाव का मापन, आकाशगंगा मे विचरण करते हमारे सौर मंडल के आकार और आकृति को तय करने मे सहायता करेगा।
नासा ने अब हमारे प्रथम खगोलीय अंतरिक्ष यान वायेजर 1 की ओर ध्यान देना प्रारंभ किया है जिसे 1977 मे प्रक्षेपित किया गया था और वह अब हीलीयोस्फियर की सीमा पर है। यह यान शायद हिलीयोस्फीयर के बाहर क्या है, बताने मे समर्थ हो।
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