क्या आपने कभी सोचा हैं की अंतरिक्ष में Spacesuit (अंतरिक्ष में जाते वक़्त पहनने लायक पोशाक) के बिना आपके शरीर का क्या होगा? क्या आप जिन्दा बच पाएंगे? आपने Spacesuit के बिना शरीर को अंतरिक्ष में होनेवाले असर को कई हॉलीवुड की फिल्मों में देखा होगा लेकिन हकीक़त में यह बहुत ही नाटकीय घटना होती हैं. आइये जानते हैं.
पृथ्वी के वातावरण के बाहर का अंतरिक्ष बिना ऑक्सीजन का एक क्षेत्र हैं. जहाँ आप सांस नहीं ले सकते और वहाँ हवा का दबाव भी नहीं होता. वहाँ का तापमान या तो जमा देनेवाला होगा या उबल देनेवाला होगा, यह चीज़ निर्भर करती हैं की आप सूरज के सामने हैं या नहीं. वहाँ पर भारी मात्रा में सितारों से निकलती हुई घातक Ultraviolet Radiation (पराबैंगनी विकिरण) की धारा होती हैं. ऐसी जगह पर अगर आपने आपका Spacesuit न पहना हो या किसी कारण से वह निकल जाए तो आपका जो हाल होगा उसके बारे में आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा.
अगर आप अंतरिक्ष यान से किसी कारण बाहर निकल जाए और आपने उस वक़्त Spacesuit नहीं पहना हैं तो आप अचानक ही महसूस करेंगे की आपके फेंफडों की सारी हवा बाहर की ओर निकल रही हैं. अंतरिक्ष में कोई दबाव नहीं होता हैं इसलिए आपके शरीर के अन्दर की हवा आपके फेंफडों से बाहर की ओर जाने का प्रयास करेगी. यह आपके लिए बहुत ही दर्दनाक होगा. ऐसे चरम वातावरण में आपके शरीर को आप के खून में रहा हुआ सारा ऑक्सीजन पूरी तरह से इस्तेमाल करने के लिए 15 सेकंड जितना समय लगेगा. अगर ऑक्सीजन रहित रक्त आपके मस्तिष्क तक पहुँच गया, तब आपकी मौत हो जाएगी. आपके शरीर के कुछ अंग ऑक्सीजन की इतनी गंभीर कमी के कारण अपने शारीरिक कार्यो पर से अपना नियंत्रण खो देते हैं. ऐसे वातावरण में आपकी आँतों में हवा भर जाएंगी और उनमें रहा सारा कचरा तुरंत ही बाहर की और निकल जाएगा. यह कैसा लगेगा ये तो आप समज ही गए होंगे.
दबाव जितना कम होगा प्रवाही का बोइलिंग पॉइंट भी उतना कम होगा. इसलिए पानी पर्वत के तल से ज्यादा उसकी चोटी पर जल्दी उबलता हैं. अंतरिक्ष में कोई दबाव नहीं होता हैं तो आपके शरीर के तरल का बोइलिंग पॉइंट बहुत ही तेजी से कम हो सकता हैं. तब आपके शरीर के अन्दर का सारा तरल उबलना शुरू हो जाएगा. उबलता हुआ खून शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में रक्त के प्रवाह को ब्लॉक कर सकता है. सिर्फ इतना ही आपकी जान लेने के लिए काफी हैं. इस उबलते हुए खून में रहा कोई बुलबुला अगर आपके दिल तक चला गया तो आपको दिल का दौरा हो सकता हैं.
अगर आपके रक्त प्रवाह में तरल ने उबलना शुरू कर दिया हैं तो वह वायु स्वरुप में बदलना शुरू हो जाएगा और आपकी त्वचा सूजनी शुरू हो जाएँगी. नासा ने यह स्पष्टीकरण दिया हैं की ऐसे हालात के दौरान आपके शरीर में किसी प्रकार का कोई विस्फोट नहीं होगा और ना ही आपकी आँखें आपके सर से बाहर निकल आएगी, जैसा की कई हॉलीवुड की फिल्मों में दिखाया जाता हैं. हा, लेकिन यह दर्दनाक जरुर होगा.
भले ही आप अवकाश में बेहोश होकर फ्लोट कर रहे हो लेकिन वहाँ अभी आपकी मुश्किलें ख़तम नहीं हुई होंगी. क्योंकि वहाँ पर सूरज की वजह से तापमान 250 डिग्री फेरनहाइट के आसपास होगा जो की तुरंत ही आपको जला देने के लिए काफी होगा. वहाँ पर सूरज के अलावा अन्य दूर के तारों से आते हुए विकिरण की बारिश चल रही होगी. हानिकारक UV प्रकाश, गामा किरणें और एक्स-रे आपकी कोशिकाओं नुकशान पहुंचाएगी. अगर इनसे आप बच भी जाए तो बाद में इस से होनेवाले कैंसर से मर सकते हैं. अगर आप सूरज के सामने की और नहीं हैं तो वहाँ छाया में भी तापमान माइनस 440 डिग्री फेरनहाइट होगा. लेकिन यहाँ आप तुरंत नहीं मरेंगे. आप भले ही ठंडे वातावरण में हैं लेकिन आपके शरीर का तापमान अभी भी गर्म होगा. यानी आपका का पूरा शरीर धीरे धीरे ठंडा होगा. और शायद तब तक आपको बचने का कोई उपाय मिल जाए.
0 comments:
Post a Comment