In this blog you will enjoy with science

Friday 16 June 2017

हबल अंतरिक्ष दूरबीन : जब 1.6 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट को बर्बाद होने से बचाया गया!

हबल दूरबीन
अंतरिक्ष को देखने का हमारा नज़रिया पूरी तरह से बदल देने वाले हबल वेधशाला इस महीने 25 साल की हो गयी।
25 साल पहले अप्रैल 1990 में दूरबीन हबल अपनी अंतरिक्ष यात्रा पर शटल ‘डिस्कवरी’ में सवार हो कर निकली थी| अपने कार्यकाल के दौरान यह उपकरण पृथ्वी पर लगभग 7 लाख तस्वीरें भेज चुका है, जिनमें से अधिकाँश को क्लासिक तस्वीर की संज्ञा प्राप्त हो चुकी है और उन्हें पाठ्यपुस्तकों में शामिल किया है तथा लगभग सभी लोग उन्हें जानते हैं|
लेकिन 1990 में इसे प्रक्षेपण के साथ ही 1.6 अरब डॉलर के खर्च से बनी इस अंतरिक्ष वेधशाला में एक गंभीर समस्या पैदा हुई जिसने इसे शुरुआती दौर में मज़ाक का विषय बना दिया। उस पर कामेडी, स्टैंड अप कॉमेडी होने लगी। 1991 की हिट फिल्म “नेकिड गन 2½ में इस वेधशाला का एक फोटो “हिंडनबर्ग” और “टाइटैनिक” जैसे हादसों के साथ दिखाया गया। अगर हबल कोई कार होती तो उसे डीलर के पास ले जाकर पैसे वापस मांगा जाता। लेकिन ये अमरीकी जनता के पैसों से बना था और अब अंतरिक्ष में था। नासा के सामने दो ही विकल्प थे – इसका उपयोग बंद करे और इसे त्याग दे, या फिर इसे सही करने के सभी जोखिम भरे कदम उठाए।
हबल वेधशाला मरम्मत का काम पृथ्वी की कक्षा में, पृथ्वी से 600 किलोमीटर (या 370 मील) ऊपर 35 घंटे और 28 मिनट की अंतरिक्ष चहलकदमी के दौरान हुआ। लेकिन कोई सामान्य मिशन नहीं था।

क्या थी समस्या ?

हबल का मुख्य दर्पण पालीश होते हुये, इसी दर्पण मे समस्या थी।
हबल का मुख्य दर्पण पालीश होते हुये, इसी दर्पण मे समस्या थी।
जून, 1990 में नासा को गलती की गंभीरता का अंदाजा हुआ। संचार और इलेक्ट्रानिक्स पुर्जो के साथ-साथ सबसे बड़ी समस्या थी मुख्य दर्पण। जांच से ये मालूम हुआ कि मुख्य दर्पण के किनारों को काफी ज्यादा पॉलिश कर दिया गया था, जिसके चलते वो समतल हो गया था। इससे ज़ाहिर था कि करीब 1.61 अरब डॉलर की लागत वाले दूरबीन का फोकस ही ठीक नहीं था यानी वह सही चित्र नहीं भेज सकता था।
चैलेंजर हादसे के समय नासा की ख़ासी आलोचना हुई थी और उसके चार साल बाद, वह फिर राजनीतिक तूफ़ान में घिर रहा था। कुछ लोग जिसे लापरवाही कह रहे थे, पत्रकार, पर्यवेक्षक और राजनेता उसके बारे में कहीं कड़े शब्दों में आलोचना कर रहे थे। ऐसे में नासा ने इस वेधशाला को ठीक करने का ज़िम्मा स्टोरी मसग्रेव पर छोड़ा। मसग्रेव कहते हैं,
“मुझे हर संभव गलती का पता लगाने को कहा गया, अंतरिक्ष चहलकदमी के साथ उन्हें ठीक भी किया जा सकता था।”

किसकी अंतरिक्ष चहलकदमी से बचा हबल?

हबल द्वारा लिये गये चित्र (मरम्मत से पहले और पश्चात)
हबल द्वारा लिये गये चित्र (मरम्मत से पहले और पश्चात)
अंतरीक्षयात्री-डॉक्टर-वैज्ञानिक स्टोरी मसग्रेव ने हबल अंतरिक्ष वेधशाला को विकसित करने का काम 1970 के मध्य में शुरू किया था। मसग्रेव ने गणित और चिकित्सा समेत कई विषयों में पढ़ाई कर रखी थी और उनके पास कुल सात स्नातक डिग्रियां हैं। वो एक-एक प्रणाली और उपकरण को समझते थे। लेकिन अनुमान नहीं था कि उन्हें हबल वेधशाला उन समस्याओं के साथ जूझना पड़ेगा जो सामान, औजार या उपकरणों की गुणवत्ता के कारण पैदा होंगी।
इस वेधशाला को लेकर तमाम बड़े दावे किए गए थे। लेकिन अब 1.61 अरब डॉलर डूब रहे थे।
मसग्रेव कहते हैं,
“हबल के काम करने में कोई मुश्किल नहीं आनी चाहिए थी, लेकिन अंतरिक्ष में जाते ही उसकी समस्याएं शुरू हो गईं।”
मसग्रेव को एक्स्ट्रा वेहिकुलर एक्टिविटी (ईवीए) टीम का नेतृत्व करने को कहा गया।
टीम में शामिल लोगों को ह्यूस्टन के विशालकाय पानी के टैंक में अंतरिक्ष चहलकदमी का प्रशिक्षण दिया गया। उधर वेधशाला में गड़बड़ियों की सूची बढ़ती जा रही थी। इसकी वजह से हबल की मरम्मत का पहला अभियान एसटीएस-61 काफी चुनौती पूर्ण हो गया।
दो दिसंबर, 1993 को मसग्रेव की टीम अंतरिक्ष में रवाना हुई। तीन दिन बाद उन्होंने हबल वेधशाला को सही करने का काम शुरू किया। मसग्रेव और उनके साथ जेफ़ हॉफ़मैन अंतरिक्ष शूट के साथ अंतरिक्ष इतिहास में यान के बाहर सबसे लंबे समय तक चलने वाले अभियान के लिए निकल पड़े।

35 घंटे, 28 मिनट का अंतरिक्ष चहलकदमी

अंतरिक्ष चहलकदमी से हबल की मरम्मत
अंतरिक्ष चहलकदमी से हबल की मरम्मत
पृथ्वी तल से करीब 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर दोनों ने पहले दिन कुल आठ घंटे तक वेधशाला में समान को बदला किया। इसमें गायरोस्कोप, कंट्रोल यूनिटस और इलेक्ट्रिकल सर्किट शामिल थे। जो समस्या हल नहीं हो रही थी वो थी उपकरण कक्ष के दरवाजे को बंद न कर पाना।
इस अभियान के बारे में मसग्रेव बताते हैं,
“उतना मुश्किल नहीं था। आसान था। हालांकि पृथ्वी से देखने पर यह काफी चुनौतीपूर्ण लगता था, लेकिन अंतरिक्ष में हमें कोई अचरज नहीं हुआ, न ही कोई अप्रत्याशित बात हुई।”
मसग्रेव विनम्रता से कहते हैं कि हबल की मुश्किलों को सही करने का असली काम जमीन पर मौजूद वैज्ञानिकों की टीम ने किया था। 11 दिन तक चले इस मिशन में सैकड़ों इंजीनियर, तकनीशियन और कंट्रोल करने वालों ने अपना काम बखूबी किया। इस दौरान मसग्रेव की टीम ने कुल 35 घंटे और 28 मिनट तक अंतरिक्षक्राफ्ट से बाहर जाकर काम किया।

कामयाब रहा मिशन

हबल की मरम्मत
हबल की मरम्मत
मसग्रेव और हॉफ़मैन की जोड़ी ने तीन बार अंतरिक्ष चहलकदमी की जबकि उनके साथी कैथरिन थोर्नटन और टॉम एकेर्स ने भी इतनी ही बार अंतरिक्ष चहलकदमी कर इस अभियन को पूरा किया।
हबल की गड़बड़ियां नासा की सबसे बड़ी चूक थीं, वहीं एसटीएस-61 की कामयाबी एजेंसी का सर्वोत्तम काम। जब हबल वेधशाला पूरी तरह से ठीक हो गया और ठीक से काम करने लगा तो राजनेताओं ने नासा के वैज्ञानिकों को सबसे पहले बधाई दी। एसटीएस-61 की टीम की वजह से हबल अंतरिक्ष इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण मिशन साबित हुआ। वैसे मसग्रेव के लिए अंतरिक्ष वेधशाला एक वैज्ञानिक अभियान से भी ज़्यादा था।
वे कहते हैं,

“हबल ने ब्रह्माण्ड विज्ञान, थियोलॉजी, दर्शनशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान सबको एक साथ ला खड़ा किया। हबल से मिली तस्वीरों ने ब्रह्माण्ड की शुरूआत के बारे में हमें बताया और साथ ही ये भी बताया कि हम कौन हैं और मानवता क्या है?
Share:

0 comments:

Post a Comment

Einstien Academy. Powered by Blogger.

Solve this

 Dear readers.  So you all know my current situation from beyond this dimension but for some reason your are reading this in this dimension ...

Contact Form

Name

Email *

Message *

Email Newsletter

Subscribe to our newsletter to get the latest updates to your inbox. ;-)


Your email address is safe with us!

Search This Blog

Blog Archive

Popular Posts

Blogroll

About

Email Newsletter

Subscribe to our newsletter to get the latest updates to your inbox. ;-)


Your email address is safe with us!

Blog Archive