Finally…आप में से ही कई Hindi रीडर्स की फरमाइश पर आज की पोस्ट हैं एलियन के बारे में. Are Aliens And Ufos Real? Aliens And Ufo in Hindi. क्या ब्रह्माण्ड में कहीं और परग्रहवासी जीवन मौजूद हैं? Aliens, एलियन, परग्रहवासी, दूसरी दुनिया के लोग, Extra-terrestrials, UFO जो भी कहे…हम हमेशा यह सोचते रहते हैं की क्या हमारी पृथ्वी (Earth) के सिवाय इस विशाल ब्रह्माण्ड में कही और जीवन मौजूद हैं? हम कई बार टीवी पर या news में alien sightings या ufo sightings की खबरे देखते हैं लेकिन आज तक उनका कोई पक्का proof या evidence नहीं मिला हैं. हम इसका जवाब जानने के लिए कई तरह की Science और Philosophy की किताबें या space documentery देखते हैं. लेकिन कभी भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाता.
क्या हमारे ब्रह्माण्ड में केवल हमारे ग्रह पर ही जीवन मौजूद हैं? observable यूनिवर्स यानी की देखने लायक ब्रह्माण्ड का व्यास नब्बे अरब प्रकाश वर्ष है. यहाँ पर कम से कम एक अरब आकाशगंगाए हैं. ऐसी हर एकआकाश गंगा में कम से कम एक अरब तारें हैं. हाल ही में हमने समजा हैं की ब्रह्माण्ड में ग्रह एक आम चीज़ हैं और शायद ब्रह्मांड में अरबों ऐसे ग्रह हैं जो रहने योग्य (habitable planets) हैं. इसका मतलब यह हैं की जीवन का अस्तित्व होने के और उसके विकसित होने के कई सारे अवसर हैं. लेकिन सवाल हैं – कहाँ? अगर ऐसा हैं तो फिर हमारा ब्रह्माण्ड अंतरिक्ष यानों से भरा हुआ नहीं होना चाहिए? चलिए एक कदम वापस ले चलते हैं. अगर अन्य आकाशगंगाओं में एलियन सभ्यता मौजूद हैं तो भी उनके बारे में पता लगाने का हमारे पास कोई भी रास्ता नहीं हैं. सामान्य रूप से हमारी आकाशगंगा के पड़ोस (जिसे स्थानीय समूह या Local Group भी कह सकते हैं) में जो कुछ भी हैं वह हमेशां के लिए हमारी पहुँच के बाहर ही रहेंगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा हैं. अगर हमारे पास सबसे तेज अन्तरिक्ष यान भी होगा तब भी उन स्थानों तक पहुँचाने के लिए अरबों साल लगेंगे.
तो, चलिए मिल्की वे पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं. मिल्की वे हमारी अपनी आकाशगंगा हैं. इसके अन्दर लगभग 400 अरब सितारे मौजूद हैं. तारों की यह बहुत ही बड़ी संख्या हैं. हमारी आकाशगंगा में लगभग 20 अरबसूरज जैसे तारें हैं, और वैज्ञानिकों का यह अनुमान हैं की उनमे से हर पांच वे तारें के हैबिटेबल जोन में पृथ्वी जैसा ग्रह मौजूद हो सकता हैं. इन सब ग्रहों में से केवल 0.1% ग्रहों पर ही जीवन होने की संभावनाए हैं. फिर भी इसका मतलब यह हुआ की हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में 1 लाख जितने पृथ्वी जैसे और जीवन से भरपूर ग्रह हैं. हमारी मिल्की वे लगभग 13 अरब वर्ष पुरानी है. शुरुआत में यह जीवन के लिए एक अच्छी जगह नहीं थी. क्योंकि तब ब्रह्माण्ड में हर जगह विस्फोट हो रहे थे. लेकिन एक-दो अरब साल बाद सबसे पहले रहने योग्य ग्रह पैदा हुए थे. पृथ्वी केवल 4 अरब साल पुराना ग्रह है. इसका मतलब भूतकाल में ब्रह्माण्ड के कई अन्य ग्रहों पर जीवन की मौजूदगी होने की पूरी संभावनाए हैं.
तो अगर इनमे से कोई सुपर सभ्यता अंतरिक्ष में विकसित हो गई हैं तो वह किस तरह के होंगे? इनकी तीन श्रेणियां हैं…
पहली श्रेणी :- इस श्रेणी की सभ्यता अपने ग्रह पर उपलब्ध सारी ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम होंगी. हम अपने ग्रह पर मोजूद उर्जा में से केवल 0.73% उर्जा का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन अगले 100 सालों के अन्दर ही हम पहली श्रेणी तक पहुँच जाएंगे.
दूसरी श्रेणी :- इस तरह की सभ्यताए अपने तारे में से उर्जा पाने में सक्षम हो सकती हैं. ऐसा करने में बहुत सारे विज्ञान की जरुरत पड़ सकती हैं लेकिन सैद्धांतिक रूप से ऐसा संभव हैं. Dyson sphere अवधारणा की तरह, सूर्य के आसपास एक विशाल परिसर की रचना कर के उसकी उर्जा को प्राप्त किया जा सकता हैं.
तीसरी श्रेणी :- इस प्रकार की एलियन सभ्यता अपनी पूरी आकाशगंगा और उसकी सारी उर्जा को नियंत्रित करने में सक्षम हो सकती हैं. ऐसी उन्नत सभ्यता हमारे लिएभगवान के समान होंगी.
अगर हमे तारों की यात्रा करने के लायक प्रजाति बनना हैं तो हमे हमारी प्रजाति को हजारों सालों तक बनाए रखना होंगा. तब जाकर हम हमारी पूरी आकाशगंगा में उपनिवेश स्थापित कर सकते है. यह एक लंबे समय की तरह लग रहा हैं, हैं ना. लेकिन याद रखीए, मिल्की वे बहुत बड़ी आकाशगंगा हैं.
लेकिन अगर दूसरे ग्रह पर जीवन मौजूद हैं तो अब तक हमे मिला क्यों नहीं? ऐसा भी तो हो सकता हैं की किसी भी तरह के जटिल जीवन का विकसित होना हमारी सोच से कई ज्यादा कठिन हो. जीवन की शुरुआत होने के लिए जिस तरह की आवश्यकताए जरुरी हो, वह वास्तव में बहुत जटिल हो सकती हैं. हो सकता है कि अतीत में ब्रह्माण्ड जिस तरह से अधिक प्रतिकूल जगह था लेकिन हाल ही में चीज़े ठंडी होने से जटिल जीवन को संभव बनाने के लिए योग्य परिस्थितिया मौजूद हुई हो.
यह भी हो सकता हैं की हमारे ग्रह जैसा जीवन काफी आम हो और हमारे जैसे बुद्धिजीविओं का अस्तित्व कोई बड़ी बात न हो. अगर ऐसा है, तो where are all the aliens? सभी एलियंस कहा पर हैं? इस सवाल को फर्मी विरोधाभास (Fermi Paradox) कहाँ जाता हैं. कोई भी इसका जवाब नहीं दे सकता. यह पता करने के लिए कोई रास्ता नहीं है. एक अंतिम विचार यह हैं की शायद हम अकेले हैं. अभी हमारे पास हमारे ग्रह के अलावा किसी भी जगह पर जीवन होने का कोई भी सबूत नहीं है. कुछ भी नहीं . ब्रह्माण्ड खाली और मृत प्रतीत होता हैं. कोई भी हमे संदेश नहीं भेज रहा और कोई भी हमारे संदेशों का जवाद नहीं दे रहा. शायद हम एक शाश्वत ब्रह्मांड में एक छोटी सी नम मिट्टी की गेंद पर फंस गए हैं.
क्या इस विचार ने आपको डरा दिया? अगर आपका जवाब हाँ हैं तो आपके दिमाग में सही भावनात्मक प्रतिक्रिया हो रही है. अगर हम इस ग्रह पर जीवन को मरने देते हैं तो, ब्रह्माण्ड में कहीं पर भी जीवन नहीं रहेंगा. जीवन चला जाएगा, शायद हमेशा के लिए. क्योंकि शायद हमारे ग्रह पर ही ब्रह्माण्ड के पहले जीवन की शुरुआत हुई हो सकती हैं. अगर ऐसा हैं तो हमे जीवन को बनाए रखना होगा ताकि उसे हम ब्रह्माण्ड में अन्य जगहों तक फैला सके. ब्रह्माण्ड ख़ूबसूरत हैं और इसमें कोई तो होना ही चाहिए जो उसे अनुभव कर सके…
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