हमारे हररोज के जीवन में हम समय के छोटे से छोटा माप सेकंड को मानते हैं. एक सेकंड जो कुछ पल का ही होता हैं जो यूँ चुटकी बजाते ही गुजर जाता हैं. ऐसे कई सेकंड्स हर पल बीतते ही रहते हैं. आप एक सेकंड में क्या कर सकते हैं? ज्यादातर कुछ नहीं. हमारे जीवन में की कोई खास वैल्यू नहीं होती. लेकिन यह लंबा कितना होता हैं? How Long Is a Second? आइये जानते हैं.
समय को मापने के दो मुख्य तरीके हैं : Dynamic Time(गतिशील समय) और Atomic time(परमाणु समय). सेकंड की पुरानी परिभाषा पृथ्वी के परिभ्रमण पर आधारित थी. सूरज के पूर्व दिशा में उघने से पश्चिम दिशा में ढलने तक और फिर से पूर्व दिशा में उघने तक के समय को एक दिन माना जाता था. आज के समय में एक दिन को 24 घंटों का माना जाता हैं, एक घंटें को 60 मिनिटों का माना जाता हैं और एक मिनिट को 60 सेकंड्स का माना जाता हैं. लेकिन पृथ्वी हमेशां समान रूप से परिभ्रमण नहीं करती हैं. पृथ्वी की गति प्रतिवर्ष एक सेकंड के 20 लाख वे हिस्से के दर से कम हो रहीं हैं. इंजिनियरों और वैज्ञानिको की भाषा में एक सेकंड के माप कुछ इस तरह हैं : एक सेकंड यानी 10 3 मिलीसेकेंड, 10 6 माइक्रोसेकंड, 10 9 नेनोसेकंड और 10 12 पिकोसेकंड.
परमाणु समय किसी एक निश्चित तत्व के एक परमाणु के ऊर्जा संक्रमण(Transition) पर निर्भर करता है, सामान्यतः caesium (सीज़ियम). ( संक्रमण : जहाँ एक इलेक्ट्रॉन ऊर्जा की एक विशेष राशि को पाने या खोने के बाद परमाणु गोले के बिच क्वांटम जम्प लगाता हैं.) इसलिए परमाणु समय के तौर पर सेकंड की की परिभाषा होती हैं ” एक सीज़ियम परमाणु के भीतर होते 9,19,26,31,770 संक्रमण.”
लेकिन यह चीज़े भी एक सेकंड को पूरी तरह से परिभाषित नहीं कर सकती. एक सेकंड को हम जितना छोटा समजते हैं वास्तव में वह उतना छोटा हैं नहीं. एक सेकंड से लेकर दूसरे सेकंड के घटित होने तक जितना समय लगता हैं उतने समय के असंख्य छोटे छोटे पल बन सकते हैं. अगर आप किसी ब्लैक होल के नजदीक जाए तो वहाँ के एक सेकंड और पृथ्वी पर के एक सेकंड में बहुत ज्यादा फर्क पड़ सकता हैं. क्योंकि ब्लैक होल का प्रबल गुरुत्वाकर्षण बल समय की गति को धीमा कर देता हैं. वहाँ का एक सेकंड पृथ्वी के 1 महीने जितना भी हो सकता हैं. अगर हम ब्लैक होल के अन्दर जाए तो वहाँ समय स्टॉप हो जाता हैं. वहाँ का एक सेकंड पृथ्वी के करोडो सालों जितना भी हो सकता हैं.
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