ब्रह्माण्ड पूरी तरह से अव्यवस्थित क्यों हैं?
कल क्या होगा यह बात Random नहीं हैं. What Is Random? यह तो हम आगे की पोस्ट में देख गए. लेकिन कुछ चीज़े कम से कम कुछ हद तक पूर्वकथनीय अवश्य हैं जैसे की सूरज हमेशा उगता रहेगा और पानी हमेशा 0 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही जमेगा. क्योंकि हम जानते हैं की ब्रह्माण्ड में सब कुछ 12 मौलिक कणों से बना है और वे चार तरीकों से एकदूसरे पर प्रभाव डालते हैं. लेकिन क्या होता अगर मैं ब्रह्माण्ड के इन सारे कणों की स्थिति और वेग को निर्धारित करने के लिए सक्षम होता? इसका सीधा मतलब हैं मैं ब्रह्माण्ड के भविष्य को जानता और उसे तय कर पाता. मतलब कुछ भी Random न होता. मैं भगवान होता. Randomness आखिर हैं क्या और ये पूरे ब्रह्माण्ड में क्यों व्याप्त हैं?
यहाँ तक की इन्सान का व्यवहार तक नहीं. हम सभी उन्ही चीजों से बने हैं जिनसे ब्रह्माण्ड की अन्य चीज़े बनी हैं. जितनी भी चीज़े जो हमने की हैं और करनेवाले हैं उसे किसी एक समय पर ब्रह्माण्ड की किसी एक स्थिति पर जानकारी (information) के द्वारा निर्धारित किया जाएगा. लेकिन जानकारी (information) क्या है? वैसे मौलिक रूप से इसे एक क्रम (order) कहा जा सकता हैं. आपके डीएनए में अणुओं के क्रम में आप को बनाने के लिए आवश्यक जानकारी होती हैं. अक्षरों का क्रम जिनसे शब्द बनता हैं, और इन शब्दों के क्रम से एक वाक्य बनता हैं. इसका मतलब जानकारी एक क्रम हैं, यानी की जानकारी छोटी से छोटी चीज़ से लेकर बड़ी चीज़ तक अलग अलग लेवल और स्वरुप में बहती हैं. अगर आप जानना चाहते हैं की कोई भी चीज़ कितनी इनफार्मेशन समाविष्ट कर सकती हैं, तो आपको यह जानना पड़ेगा की वह चीज़ कितनी Random हैं. Randomness एक अव्यवस्था हैं जिसे दूसरे शब्दों में एन्ट्रापी (Entropy) भी कह सकते हैं. इसका मतलब इनफार्मेशन “एन्ट्रापी” हैं.सामान्य सापेक्षता का सिध्धांत जो की गुरुत्वाकर्षण का हमारा वर्तमान सिद्धांत हैं, एक छोटे से समीकरण के रूप में कॉम्प्रेस हैं. यह सिध्धांत हर बात से संबंध रखता हैं. जैसे की, एक सेब का पृथ्वी पर गिर जाना, चाँद का पृथ्वी की प्रदक्षिणा करना, ग्रहों का सूरज की प्रदक्षिणा करना, सूरज का ब्लैकहोल के आसपास प्रदक्षिणा करना जो की हमारी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद हैं, ब्लैकहोल कैसे बनते हैं और काम करते हैं, बिग बेंग के बाद कैसे हमारा ब्रह्माण्ड फैल रहा हैं. अगर यह सिध्धांत पूरी तरह से सच हैं तो हमारा भविष्य ज्यादा पूर्वकथनीय हैं. मेरा मतलब हैं हम भविष्य में होनेवाले हजारो सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण की भविष्यवाणी कर सकते हैं. तो अगर हम हमारे सारे वैज्ञानिक सिद्धांतों को साथ में लेकर चले तो, इसका मतलब यह होगा हमारा ब्रह्माण्ड पूरी तरह से random नहीं हैं. तो क्या यह पूरी तरह से पूर्वकथनीय हैं?
खैर, इसका मतलब यह होगा कि, ब्रह्माण्ड के अन्दर की सारी इनफार्मेशन कांस्टेंट (स्थिर) होंगी. लेकिन जानकारी अगर एन्ट्रापी है, तो इसका मतलब यह होगा की ब्रह्माण्ड में एन्ट्रापी भी स्थिर होंगी. लेकिन हमारे ब्रह्माण्ड में हमे ऐसा कुछ तो प्रतीत होता ही नहीं हैं. थर्मोडाईनॅमिक्स का दूसरा सिध्धांत यानी की ऊष्मप्रवैगिकी का दूसरा कानून यह दर्शाता हैं की ब्रह्माण्ड में एन्ट्रापी समय के साथ साथ बढ़ती जाती है. लेकिन अगर एन्ट्रापी बढती ही जा रही हैं, तो इसका मतलब हैं ब्रह्माण्ड के अन्दर की इनफार्मेशन भी लगातार बढ़ रही हैं. यह बात थोड़ी दमदार हैं, क्योंकि ब्रह्मांड की स्थिति को निर्दिष्ट करने के लिए ज्यादा इनफार्मेशन की जरुरत तो होंगी ही. तो यह नै इनफार्मेशन आ कहाँ से रही हैं?
हर बार की तरह इस बार भी जवाब क्वांटम यांत्रिकी के पास हैं. क्वांटम यांत्रिकी 12 मौलिक कण किस तरह व्यव्हार करते हैं इसका वर्णन करती है. यह एक शानदार सफल थ्योरी होने के साथ साथ एक संभाव्य सिद्धांत भी है. आप एक निरपेक्ष निश्चितता के साथ भविष्यवाणी नहीं कर सकते की एक इलेक्ट्रान कहाँ हैं? आप केवल संभावनाओं की गणना कर सकते हैं की आप उस इलेक्ट्रान को कहाँ ढूंढ सकते हैं. जब आप इलेक्ट्रान के संपर्क में आते हैं और उसे एक खास बिंदु पर स्थापित हुआ पाते हैं तब आपकी जानकारी में वृध्धि होंगी. इस बातने आइंस्टीन को पागल कर दिया था. वे चाहते थे की हम क्वांटम यांत्रिकी के हमारे सिद्धांत को आगे और भी संक्षिप्त कर सके. ताकि हमे पता चले की यह सारे कं वास्तव में काम कैसे करते हैं. लेकिन हमें इसे संक्षिप्त न कर पाने का कारण यह हैं की मौलिक रूप से यह random हैं. मूलरूप में, हर बार नयी इनफार्मेशन बनती हैं जब कोई क्वांटम लेवल की घटना होती हैं.
ब्रह्माण्ड में हर वक़्त नयी इनफार्मेशन बढ़ रही हैं और इसका मतलब हैं ब्रह्माण्ड में अव्यवस्था भी हर वक्त बढ़ रही हैं. यह वहीँ हैं जिसे हम थर्मोडाईनॅमिक्स के दूसरे सिध्धांत के रूप में निरिक्षण करते हैं. हम इस दूसरे सिध्धांत को ज्यादातर एक शाप के स्वरुप में भी देखते है. जो जिसे अभी क्रम में हैं वे भी विकार की तरफ बढ़ रही हैं. शायद ऐसा भी हो सकता हैं की यह सिध्धांत केवल इस ब्रह्माण्ड में ही हो जहाँ पर सही मायने में कोई भी अप्रत्याशित घटनाए हो सकती हैं. भविष्य वास्तव में अनिर्धारित हो सकता है. लेकिन अगर हमें free will (मुक्त इच्छा) चाहिए तो थर्मोडाईनॅमिक्स के दूसरे सिध्धांत का होना अति आवश्यक हैं. लेकिन आप सोचेंगे की क्वांटम लेवल पर होनेवाली घटनाए बहुत ही छोटी होती हैं और ब्रह्मांड के विकास पर कोई सार्थक प्रभाव नहीं डाल सकती हैं. लेकिन यह सच नहीं है.क्योंकि ब्रह्माण्ड की सिस्टम में एक छोटा सा अंतर भी आगे जाकर एक बहुत ही बड़ा बदलाव ला सकता हैं. इसे अराजकता कहते हैं. और इस घटना को “Butterfly effect” (बटरफ्लाई इफ़ेक्ट) भी कहाँ जाता हैं. तो आप और में एक तरह से एक शारीरिक प्रणालि हो सकते हैं. हमारी free will हमारे दिमाग में होती क्वांटम लेवल की घटना से आती हैं. तो आपके द्वरा किया गया कोई भी कार्य समस्त ब्रह्माण्ड को असर करता हैं.
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