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Thursday 15 June 2017

ब्लैक होल के अन्दर का सफ़र कैसा होगा?


Hello friends, आज हम बात करेंगे ब्लैक होल्स की. कैसा महसूस होता हैं ब्लैक होल के अन्दर जाने पर? कोई भी चीज़ ब्लैक होल बन सकती हैं अगर आप उसे छोटी से छोटी साइज़ में कॉम्प्रेस कर सके. आप, मैं ,यह पूरी दुनिया, सबकुछ जो इस ब्रह्माण्ड में हैं ब्लैक होल बन सकता हैं. ब्रह्माण्ड में किसी भी चीज़ की एक छोटी से छोटी साइज़ होती हैं जिसे “Schwarzchild radius” कहा जाता हैं. जब किसी पदार्थ को उसकी Schwarzchild radius जितना कॉम्प्रेस किया जाता हैं तब उसका गुरुत्वकर्सन  खिंचाव इतना बढ़ जाता हैं की उससे प्रकाश भी नहीं बच सकता. तब आपके पास होगा एक नया बना हुआ ब्लैक होल.
अगर आप माउंट एवेरेस्ट को 1 नैनोमीटर से भी छोटी साइज़ में कॉम्प्रेस कर दे तो वह एक ब्लैक होल बन जाएगा. अगर आप पूरी पृथ्वी को एक छोटी सी मूंगफली के आकार में कॉम्प्रेस कर देंगे तो आप के पास एक नया ब्लैक होल होंगा. लेकिन सौभाग्य से हमारे पास एवेरेस्ट और पृथ्वी को इतनी छोटी साइज़ में कॉम्प्रेस करने के कोई तरीखे मौजूद नहीं है.
लेकिन एक तारा, जो साइज़ में हमारे सूरज  से भी बहुत बड़ा हो, जिसके पास बहुत ज्यादा बड़ी Schwarzchild radius होंगी, और जब ऐसे तारे का इंधन ख़तम हो जाएगा और वह खुद को ज्यादा गर्म नहीं रख पाएगा, तब वह एक छोटे से अतिसूक्ष्म बिन्दु के स्वरुप में अपने ही अन्दर ढह जाएगा. जिसे विलछनता कहते है. तब उसका घनत्व अनंत हो जाएगा और गुरुर्त्वकर्षण बल इतना ज्यादा मजबूत हो जाएगा की कुछ भी उससे बच नहीं सकता. प्रकाश भी नहीं.
distortion
ब्लैक होल बाहर से कैसा दीखता हैं? हम जानते हैं की गुरुत्वाकर्षण space और time को मोड़ता हैं. पृथ्वी पर से हमारे सूरज के पीछे के तारे हमें उनके मूल स्थान से थोड़े अलग स्थान पर दीखते हैं. क्योंकि हमारे सूरज का गुरुत्वाकर्षण बल उन तारों से आती रोशनी को मोड़ देता हैं. इस विषय में ब्लैक होल का प्रभाव बड़ा ही नाटकीय होता हैं. ब्लैक होल के पीछे की चीजों से आति हुई रोशनी को वह विकृत (distort) करता हैं और smears या smudges का निर्माण करता हैं.
 
चलिए अब ब्लैक होल के अन्दर चलते हैं. जैसे जैसे हम अन्दर जायेंगे आकाश की विकृति(distortion)  अधिक से अधिक बढती जायेगी. हमारी नजर के सामने का सबसे बड़े से बड़ा हिस्सा अँधेरे ब्लैक होल का दिखाई देने लगेगा जो धीरे धीरे बढ़ता जाएगा.देखते ही देखते हमारी आँखों के सामने के  आधे क्षेत्र को अँधेरा निगल जाएगा. तब हम ” फोटोन स्फीयर ” तक पहुँच जायेंगे. इस बिंदु पर, प्रकाश पूरी तरह से ब्लैक होल के अन्दर निगला नहीं जा रहा होगा और पूरी तरह से उसके बाहर भी नहीं जा रहा होगा. इस जादूई बिन्दु पर अन्तरिक्ष, प्रकाश और photons वास्तव में ब्लैक होल की परिक्रमा कर रहे होते हैं. अगर आप एक पल के लिए इस जगह पर रूक जाए और अपने सामने की तरफ देखेंगे तो अपने सीर का पीछे का हिस्सा देख सकेंगे. यानी की अपने पीछे के हिस्से को आप अपने सामने देख सकेंगे.


गुरुत्वाकर्षण सिर्फ space को ही नहीं मोड़ता, बल्कि time को भी मोड़ता हैं. ब्लैक होल के नजदीक गुरुत्वाकर्षण बल इतना मजबूत होता हैं की, अगर आप को आपका कोई दोस्त ब्लैक होल  के अन्दर कूदता हुआ देखे तो उसे कुछ अजीब ही दिखाई देगा. वह आप को तुरंत ही ब्लैक होल के अन्दर खिचे जाने के बदले धीरे धीरे अन्दर की तरफ जाता  हुआ देखेंगा. वह तब तक आप को धीरे धीरे निचे जाता हुआ देखेंगा जब तक आप Event-horizon नाम के बिन्दु तक न पहुँच जाए. यह एक ऐसा बिन्दु हैं जहाँ एक बार चले गए तो फिर कभी भी वापस नहीं आ सकते. यहाँ पर अब प्रकाश भी एक बार अन्दर आ जाने पर बाहर नहीं जा सकता हैं. आपके दोस्त को आप space में जमे हुए प्रतीत होंगे. धीरे धीरे फीके होते जायेंगे और अंत में दिखाई देने बंद हो जायेंगे. आपका दोस्त आप को event-horizon पार करते हुए कभी भी नहीं देख पायेगा.
लेकिन आप के लिए हालात अभी भी एकदम ठीक होंगे. आप अभी भी Event-horizon के अन्दर ही जा रहे होंगे. जैसे जैसे आप ब्लैक होल की Singularity की तरफ बढ़ते जायेंगे तो आपके लिए पूरे ब्रह्माण्ड का द्रश्य छोटे से छोटे बिन्दु में कॉम्प्रेस होता जाएगा. लेकिन अब भी आप को चोट पहुंचनेवाले पॉइंट तक पहुँचने में कुछ घंटे लगेंगे. जैसे जैसे आप Singularity के नजदीक पहुंचेंगे वैसे वैसे गुरुत्वाकर्षण में बढौतरी होती जायेंगी. आपका पूरा शरीर गुरुत्वाकर्षण की वजह से Singularity की तरफ खींचने लगेगा. वैज्ञानिक इसे Spaghettification कहते हैं.
 
इस बिन्दु तक पहुँचते ही आप मर जायेंगे. आप के शरीर के एक एक अणु हिंसक रूप से फट जायेंगे और एकदूसरे से अलग हो जायेंगे. उसके बाद वह विलक्षणता में मिल जायेंगे. हकीकत में उसके अन्दर क्या होता हैं यह तो हम पूरी तह से नहीं जानते हैं. शायद वह भौतिकी के नियमो का उल्लंघन कर के पूरी तरह से कहीं गायब हो जाते होंगे या फिर ब्रह्माण्ड में दूर किसी दूसरी जगह पर फिर से बाहर निकलते होंगे. ब्लैक होल्स के अन्दर असल में क्या होता हैं यह तो आज भी एक राज ही बना हुआ हैं.
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