अंतरिक्ष के बारे में कुछ अनसुने तत्थ्य
फ्रेंड्स, आज हम space यानी की अंतरिक्ष के बारे में जानेंगे कुछ ऐसी चीज़े जो आपने कभी नहीं सुनी होंगी. तो चलिए देखते हैं कुछ Space Facts in Hindi…..इसके पहले हम Interstellar space के बारे में जान चुके हैं.
अगर आप यह जानना चाहते हैं की इस वक़्त space में कितने लोग मौजूद हैं और वे कौन हैं? तो इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं : http://www.howmanypeopleareinspacerightnow.com
How Many People Are In Space Right Now डॉट कॉम…
हैं ना अमेजिंग….यह वेबसाइट अन्तरिक्ष में इस वक़्त मौजूद सभी लोगो के विषय में जानकारी प्रदान करती हैं.
International space station (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन), जिसका बाह्य अंतरिक्ष में उपयोग किया जाता हैं. इस वक़्त उस में रहनेवाले लोग अभी पृथ्वी से सबसे दूर रहनेवाले लोग हैं. उनका पृथ्वी से अंतर निचे की तस्वीर में दिखाया गया हैं…
DISTANCE BEETWEEN EARTH AND INTERNATIONAL SPACE STATION (पृथ्वी और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बीच की दूरी)
लेकिन यह अंतर पृथ्वी से चाँद (जहाँ पर अपोलो के अवकाश यात्री गए थे) की दूरी के मुकाबले तो कुछ भी नहीं हैं…
2001 के नवंबर के बाद से अंतरिक्ष में मनुष्य की एक सतत और निर्बाध उपस्थिति रही है. अलग अलग समय पर अलग अलग लोगों की. लेकिन Where is outer space? आखिर बाह्य अंतरिक्ष शुरू कहाँ से होता हैं?
इसका जवाब हैं, बाह्य अंतरिक्ष आपके सिर से लगभग 1 लाख मीटर यानी की 100 किलोमीटर यानी की 62 मील की ऊंचाई से शुरू होता हैं. इस जगह पर वातावरण बहुत ही ज्यादा पतला होता हैं की लिफ्ट प्राप्त करने के लिए एक विमान को इतनी तेज गति से यात्रा करनी पड़ेंगी जितनी उसकी कक्षीय गति होती हैं. यह कक्षीय गति इतनी तेज होती हैं जितनी आप lift के साथ भी प्राप्त नहीं कर सकते हैं. यहाँ तक की गिरते वक़्त भी नहीं…
आप जितनी तेजी से पृथ्वी की तरफ गिरने लगेंगे उतनी ही तेजी से पृथ्वी आप से दूर घूम जाएंगी. वास्तव में यही चीज़ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में रहनेवाले अंतरिक्ष यात्री करते हैं. वे गिर रहे हैं. लेकिन यह एक आम धारणा है की की अन्तरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में हलके होकर तैरते रहते हैं. क्योंकि वहां पर कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं होता हैं. वास्तव में वहां पर बहुत सारा गुरुत्वाकर्षण मौजूद होता हैं. जितना इस वक़्त हम पृथ्वी पर रहकर महसूस कर रहे हैं उतना.
अगर हम एक 3,70,000 मीटर जितनी ऊंचाई वाला टावर बनाते हैं, जहाँ पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा होती हैं, और आप उस टावर पर चलना शुरू करेंगे तो क्या होंगा? आप माने या ना माने, आप वहां पर उतनी ऊंचाई पर भी वैसे ही चलेंगे जिस तरह आप अभी अपने घर में चल रहे हैं. चलने की आपकी अंतरिक्ष में गति उतनी ही रहेंगी जितनी आपके घर पर होती हैं. आप ज्यादा फरक महसूस नहीं करेंगे. पृथ्वी जितना ही गुरुत्वाकर्षण वहां पर महसूस करेंगे.
लेकिन तभी अचानक International space station आप के बगल में से बहुत ही तेज सनसनाहट के साथ प्रति घंटे 17,000 मील की तेजी से गुजरेगा. क्योंकि वे हर सेकंड गिर रहे हैं. आप अंदाजा लगा सकते हैं की यह गति कितनी तेज होंग
तो अगर आप अबतक यह सोच रहे थे की International space station में मौजूद अवकाशयात्री कक्षा में चारों ओर तैरने लगते हैं क्योंकि वे शून्य गुरुत्वाकर्षण (zero gravity) का सामना कर रहे हैं तो आप गलत थे. यह एक भटका देनेवाला तत्थ्य हैं. वहां पर वे वह Zero-G महसूस कर रहे है, जहाँ “G” मतलब acceleration felt as weight. यानी की वजन के रूप में महसूस होनेवाला त्वरण (acceleration)…. यह “G” हमे दर्द देता हैं. लेकिन यहीं हमे अच्छा लगता हैं. क्योंकि गुरुत्वाकर्षण के सीमित प्रभाव में ही हम सही ढंग से और तंदुरस्ती से विकसित हो सकते हैं.
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