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Wednesday 14 June 2017

सौर ऊर्जा चालित अन्वेषक यान : जुनो

JunoPowerHindi
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सूर्य पृथ्वी की कक्षा, मंगल और उससे बाहर जाने वाले अंतरिक्ष यानो को ऊर्जा देता है। नासा के बृहस्पति ग्रह पर जाने वाला जुनो अभियान सौर ऊर्जा चालित अधिकतम दूरी वाला अंतरिक्षयान है। इस अभियान की सफ़लता से भविष्य मे सौर ऊर्जा चालित अंतरिक्ष अन्वेषण को नयी दिशा मिलेगी।

वे कहाँ तक गये है ?

  • 1958 मे प्रक्षेपित उपग्रह वैनगार्ड प्रथम (Vangaurd 1) सर्वप्रथम सौर उर्जाचालित अन्वेषक था।
  • केवल नासा का जुनो तथा युरोपीय अंतरिक्ष संस्था का रोसेटा(Rosetta) क्षुद्रग्रह पट्टे को पार करने वाले सौर ऊर्जा चालित यान है।
  • जनवरी 2015 मे जुनो बृहस्पति ग्रह के मार्ग पर रोसेटा से आगे जाकर अधिकतम दूरी जाने वाला सौरऊर्जा चालित यान बना।
  • रोसेटा को क्षुद्रग्रह पट्टे तक जाने के लिये बनाया गया था लेकिन उसके सौर पैनल उसे क्षुद्र ग्रह पट्टे से भी आगे लेजाने मे सक्षम सिद्ध हुये। रोसेटा अंतरिक्ष यान 5.29 AU अर्थात 79 करोड़ किमी दूरी तक पहुंचा है।

वे कहाँ तक जायेंगे

  • वर्तमान सौर ऊर्जा तकनीक बृहस्पति तक अंतरिक्षयानो को ऊर्जा प्रदान कर सकती है जोकि सूर्य से 81.7 करोड़ किमी दूरी पर है लेकिन यह इस तकनीक की सीमा भी है।
  • जुनो के अत्याधिक उच्च तकनीक के सौर पैनल प्रक्षेपण के लिये बहुत भारी थे और वे सर्वोत्तम अवस्था मे सूर्यप्रकाश का केवल 28% भाग ही विद्युत मे परिवर्तित कर सकते है।
  • शनि और उसके आगे के अभियानो के लिये भविष्य के सौर पैनलो को हल्का बनाना होगा और सूर्यप्रकाश को ऊर्जा मे परिवर्तित करने की क्षमता को बढ़ाना होगा। नासा के बृहस्पति के चंद्रमा युरोपा अभियान मे इस नविन तकनीक का सर्वप्रथम प्रयोग होने की संभावना है।

जुनो इस दूरी को तय करने वाला सर्वप्रथम सौर ऊर्जा चालित यान कैसे बना ?

1. सबसे विशाल सौर पैनल

इसके तीन सौर पैनलो को ढंकने के लिये 1200 से अधिक A4 आकार के कागजो की आवश्यकता होगी। इसके प्रत्येक सौर पैनल का क्षेत्रफ़ल 24 वर्ग मीटर है।

2. हर सौर सेल की अधिकतम गुणवत्ता जांच

इसमे 19000 सौर सेल लगे हुये है जिससे सौर पैनल बने है। इसमे हर सेल की उच्च गुणवत्त जांच की गयी थी जिससे वे अपनी सर्वोत्तम क्षमता पर कार्य कर सके।

3.ऊर्जा खपत पर नियंत्रण

जुनो सूर्य से दूरी के अनुसार अपनी ऊर्जा उत्पादन तथा खपत पर नियंत्रण कर कम/अधिक कर सकता है जिससे कि वह सूर्य के समीप अधिक ऊर्जा का उत्पादन ना हो नाही सूर्य से दूर होने पर ऊर्जा कम पड़े।

4.इंद्रधनुष ऊर्जा

धूप के चश्मो की तरह जुनो के सौर पैनलो का पदार्थ भिन्न रंगो के प्रकाश का प्रयोग कर सकता है जिससे वह औसत सौर पैनलो से अधिक ऊर्जा उत्पन्न कर लेता है।
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