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Wednesday 14 June 2017

विश्व को बदल देने वाले 10 क्रांतिकारी समीकरण

विश्व के सर्वाधिक प्रतिभावान मस्तिष्को ने गणित के प्रयोग से ब्रह्माण्ड के अध्ययन की नींव डाली है। इतिहास मे बारंबार यह प्रमाणित किया गया है कि मानव जाति के प्रगति पर्थ को परिवर्तित करने मे एक समीकरण पर्याप्त होता है। प्रस्तुत है ऐसे दस समीकरण।

GodfreyKneller-IsaacNewton-16891.न्युटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण का नियम

न्युटन का नियम बताता है कि ग्रह गति कैसे करते है, पृथ्वी पर तथा समस्त ब्रह्मांड मे गुरुत्वाकर्षण कैसे कार्य करता है। यह नियम उन्होने अपनी पुस्तक प्रिंसीपिया मे जुलाई 1687 को प्रकाशित किया था, 1905 मे आइंस्टाइन के सापेक्षतावाद के सिद्धांत के आने से पहले 200 वर्ष तक इसी नियम का प्रयोग किया जाता रहा है।

Einstein-formal_portrait-352.आइंस्टाइन का सापेक्षतावाद का सिद्धांत

आइंस्टाइन का सबसे बड़ा योगदान अंतरिक्ष और समय के रिश्ते को परिभाषित करना रहा है। उन्होने इस सिद्धांत को 1905 मे सापेक्षतावाद के सिद्धांत के रूप मे प्रस्तुत किया और इस सिद्धांत ने भौतिकी के मार्ग को परिवर्तित कर दिया और ब्रह्मांड के भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के बारे मे मानव की समझ को गहरा कर दिया।

pythagoras-theorem3.पायथोगोरस का प्रमेय

यह एक प्राचीन प्रमेय है जिसे 570-495 ईसापुर्व प्रस्तुत किया गया था और इसे युक्लिड ज्यामिति का मूलभूत नियम माना जाता है। यह किसी समकोण त्रिभूज के कर्ण, लंब और आधार के मध्य के संबंध को परिभाषित करता है।

james-clerk-maxwell4.मैक्सवेल के समीकरण

जेम्स क्लार्क मैक्सवेल के समीकरणो का समुह दर्शाता है कि किस तरह विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र एक दूसरे को आवेश और विद्युत धारा द्वारा प्रभावित करते है। इन समीकरणो को 1861-62 मे प्रकाशित किया गया था। इन समीकरणो को विद्युत चुंबकीय क्षेत्र मे वही स्थान दिया जाता है जो न्युटन के गुरुत्वाकर्षण नियम को शास्त्रीय यांत्रिकी मे दिया जाता है।

secondlawthermodynamics5.उष्मा गतिकी का द्वितिय नियम

रुडाल्फ़ क्लासिअस द्वारा प्रस्तावित यह नियम दर्शाता है कि ऊर्जा हमेशा अधिक घनत्व से कम घनत्व की ओर प्रवाहित होती है। यह नियम यह भी बताता है कि जब भी ऊर्जा का परिवर्तन या प्रवाह होगा वह कम उपयोगी होते हाती है। इसे 1605 मे प्रस्तावित किया गया था और इसके आधार पर आंतरिक दहन इंजन, क्रोयोजेनिक्स तथा विद्युत उत्पादन का विकास हुआ है।

logrithams6.लागरिथम

लागरिथम का विकास जान नेपियर ने 17वी सदी के प्रारंभ मे गणनाओं को आसान करने के लिये किया था। लागरिथम इस प्रश्न का उत्तर देता है कि कितनी बार X को गुणा करने पर Y प्राप्त होगा। लागरिथम का प्रयोग नाविको, वैज्ञानिको और इंजीनियरो द्वारा किया जाता था। आधुनिक समय मे यह कार्य कंप्युटर और कैल्क्युलेटर करते है।

Calculus7.कैलकुलस

चित्र मे दिया समीकरण डिफ़्रेन्शीयल कैलकुलस के डेरीवेटीव की परिभाषा है जोकि कैलकुलस की दो शाखाओ मे से एक है। डेरीवेटीव किसी एक मात्रा मे आ रहे परिवर्तन की दर को मापती है, यदि आप दो किमी/घंटा की गति से चल रहे है तब आपकी स्थिति मे परिवर्तन की दर हर घंटे मे दो किमी है। 1600 मे न्युटन के कैलकुल्स की सहायता से गति के नियम और गुरुत्वाकर्षण के नियमो का विकास किया था।

schrodingerequation8.स्क्राडिंगर का समीकरण

यह समीकरण दर्शाता है कि किस तरह किसी एक क्वांटम प्रणाली की क्वांटम स्थिति मे समय के अनुसार परिवर्तन होता है। इसे 1926 मे आस्ट्रियन वैज्ञानिक एरविन स्क्राडिंगर ने प्रस्तुत किया था और यह समीकरण क्वांटम यांत्रिकी मे परमाणु और परमाण्विक कणो के व्यवहार को परिभाषित करता है। इस समीकरण के फ़लस्वरूप नाभिकिय ऊर्जा, इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी तथा क्वांटम कंप्युटींग का विकास हो पाया है।

InformationTheory9.सूचना अवधारणा(Information Theory)

सूचना अवधारणा या इन्फ़ार्मेशन थ्योरी गणित की वह शाखा है जिसमे किसी सूचना को संकेतो के रूप मे परिवर्तित करने तथा सूचना के त्वरित स्थानांतरण का अध्ययन किया जाता है। इस सिद्धांत का प्रयोग सूचना के संपिड़न(compression) तथा सूचना मार्ग के निर्माण के किया जाता है। इस सिद्धांत के फलस्वरूप ही इंटरनेट तथा मोबाईल फोन की तकनीक का विकास हुआ है।


chaostheory10.केआस थ्योरी(Chaos Theory)

यह गणीत की वह शाखा है जिसमे उन जटिल प्रणालीयों का अध्ययन होता है जो परिस्थितियों मे सूक्ष्म परिवर्तन के लिये भी अत्यंत संवेदनशील होती है। संक्षेप मे यह सिद्धांत बताता है कि सूक्ष्म से बदलाव भी बड़े पैमाने पर प्रभाव छोड़ सकते है। इस सिद्धांत का प्रयोग हर जगह होता है, जैसे मौसम विज्ञान, समाज शास्त्र, भौतिकी, कंप्युटर विज्ञान, इंजीनियरींग, अर्थशास्त्र, जीवशास्त्र तथा दर्शनशास्त्र।












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 Dear readers.  So you all know my current situation from beyond this dimension but for some reason your are reading this in this dimension ...

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