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Wednesday, 14 June 2017

स्टार वार की वापसी- अंतरिक्ष से जासूसी : अमरीकी अंतरिक्ष यान एक्स 37

बोइंग एक्स 37 अमरीकी मानवरहित अंतरिक्षयान है। यह अमरीकी वायु सेना द्वारा पृथ्वी की कक्षा मे पुनःप्रयोग किये जाने वाली तकनिको के प्रदर्शन मे उपयोग मे लाया गया है। इसकी लंबाई 8.9 मीटर है और इसमे पिछले हिस्से मे दो पंख लगे है।
अमरीका ने इस यान को गोपनिय रखा था लेकिन विश्व भर मे फैले शौकिया खगोल विज्ञानियो(Amateur Astronomers) ने इसे पृथ्वी की कक्षा मे देख लिया। शौकिया खगोल विज्ञानियो के अनुसार इस यान का लक्ष्य अंतरिक्ष से निगरानी तथा सैनिक सर्वेक्षण है। उनके अनुसार एक्स 37बी उत्तर कोरीया, अफगानीस्तान के उपर से गुजरा था तथा यह यान हर चार दिनो मे उसी स्थान से गुजरता है। इस यान की कक्षा 410 किमी है जो कि सैनिक सर्वेक्षण उपग्रहो की होती है।
एक्स 37-अमरिकी मानव रहित अंतरिक्ष यान
एक्स 37-अमरिकी मानव रहित अंतरिक्ष यान
पेंटागन के अनुसा एक्स 37बी का उद्देश्य अंतरिक्ष हथियारो का निर्माण नही है।
एक्स 37 का प्रारंभ नासा ने 1999 मे किया था, 2004 मे इसे अमरीकी रक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। इसकी पहली परिक्षण उड़ान 7 अप्रैल 2006 को एडवर्ड वायु सैनीक अड्डे पर की गयी थी। इस यान की पहली कक्षा मे उड़ान 22 अप्रैल 2010 को एटलस 5 से हुयी थी।  3 दिसंबर 2010 को यह यान पृथ्वी पर वापिस आया। यह इस यान के उष्मारोधको तथा हायपर्सोनीक एअरोडायनामिक नियत्रंण की पहली जांच थी।
यान का निर्माण
1999 मे नासा ने बोइंग इन्टेग्रेटेड डीफेन्स सिस्टम को इस यान की अभिकल्पना और निर्माण (Design and Development) के लिये चुना। इस यान का निर्माण बोइंग की कैलीफोर्निया स्थित फैंटम वर्कस शाखा मे हुआ। अगले चार वर्ष के दौरान नासा ने इस कार्य पर $109 मीलीयन, अमरीकी वायुसेना ने $16 मीलीयन तथा बोइंग ने $67 मीलीयन खर्च कीये। 2002 के अंत मे नासा के अंतरिक्षयात्रा की नयी रूपरेखा के अंतर्गत बोइंग को $ 301 मीलीयन का ठेका दिया गया।
13 सितंबर 2004 को ए़स 37 को नासा से DARPA (Defense Advanced Research Projects Agency) को हस्तांरित कर दिया गया। इस यान को इसके बाद गोपनीय घोषित कर दिया गया। नासा के अंतरिक्ष यात्रा के कार्यक्रम यात्री अन्वेषण यान केन्द्रित होते है लेकिन DARPA ने एक्स 37 को रक्षा विभाग के अंतर्गत नयी अंतरिक्ष नीति के अनुसार विकसित किया। यह नयी  अंतरिक्ष निती चैलेंजर दुर्घटना के बाद मे बनायी गयी थी।
एक्स 37 को मूल रूप से अंतरिक्ष शटल द्वारा कक्षा मे स्थापित करने के लिये अभिकल्पित(Design) किया गया था। लेकिन बाद मे इस विधी को अतयंत खर्चीला पाये जाने पर इस यान को पुनः अभिकल्पित (Re-Design) कर डेल्टा4 या उसके जैसे राकेट के लिये बनाया गया। एक्स 37 का वायुगतिकीय अभिकल्पन (Aerodynamic Design) अंतरिक्ष शटल से लिया गया है।
अंतरिक्ष सहायता मिशन के लक्ष्यो के अंतर्गत एक्स 37 को इस तरह से बनाया गया है कि यह उपग्रहो मे इण्धन भर सकता है या उनके सौर पैनलो को बदल या मरम्मत कर सकता है। यह कार्य वह अपनी यांत्रिक भूजा से कर सकता है। इसके अतिरिक्त इसकी भारवाही क्षमता अंतरिक्ष नियंत्रण , अंतरिक्ष युद्ध, अंतरिक्ष आक्रमण, अंतरिक्ष बचाव मे प्रयोग की जा सकती है।
ग्लाईड(glide) जांच
ग्लाईड जांच के लिये प्रयुक्त यान मे प्रणोदन प्रणाली(Propulsion System) नही थी। इसके मुख्य धड़ वाले हिस्से (Fuselage) को दूसरे यान से बांधे जाने लायक बनाया गया था। सितंबर २००४ मे इसकी ग्लाईड प्रणाली की जांच के लिये अत्यंत उंचाई पर उड़ान भरने वाला यान ’स्केलड कम्पोजीट व्हाइट नाईट’ को चुना गया।
21 जून 2005 को इस यान को व्हाईट नाईट के नीचे बांध कर मोजेव अण्तरिक्ष केन्द्र से उड़ाया गया। 2005 के अंत मे एक्स 37 के ढांचे ने बदलाव कर अगला चक्का लगाया गया। इसकी पहली सार्वजनिक उड़ान 10 मार्च 2006 को थी लेकिन आर्कटिक तुफान के कारण रद्द कर दी गयी। अगली उड़ान 15 मार्च 2006 को थी जो तेज हवाओ से रद्द हो गयी।
24 मार्च 2006 को इस यान की उड़ान की गयी लेकिन डाटा लिंक के काम ना करने से व्हाईट नाईट से मुक्त होकर स्वतण्त्र उड़ान नही हो पायी और यह यान व्हाईट नाईट से बधा हुआ ही वापिस आ गया। ७ अप्रेल 2006 को एक्स 37 ने व्हाईट नाईट से मुक्त हो कर स्वतन्त्र उड़ान की लेकिन उतरते समय यह उड़ान पट्टी से आगे चला गया और यान मे मामूली क्षति आ गयी।
जब यान की मरम्मत हो रही थी इस कार्यक्रम को मोजेव अंतरिक्ष से वायुसेना के केन्द्र 42 मे स्थानांतरित कर दिया गया। व्हाईट नाईट मोजेव मे ही रहता था लेकिन उड़ान के समय उसे केन्द्र 42 लाया जाता था। इसके पश्चात 5 जांच उड़ान और की गयी जिसमे से 2 उड़ानो मे एक्स 37 व्हाईट नाईट से मुक्त होकर ग्लाईड करते हुये सही तरह से उतर गया।
एक्स 37 कक्षिय जांच यान
17 नवंबर 2006 को अमरीकी वायु सेना ने घोषणा की कि वह नासा के एक्स 37 ए से एक्स37 बी बनायेगी। वायु सेना संस्करण को एक्स 37 बी कक्षिय जांच यान (Orbital Test Vehicle) नाम दिया गया। यह कार्यक्रम DARPA, नासा तथा वायुसेना का संयुक्त उपक्रम था जिसने बोइंग मुख्य ठेकेदार था। एक्स 37बी अपनी कक्षा मे 270 दिन तक रह सकता है।
पृथ्वी की कक्षा मे एक्स 37 (चित्रकार की कल्पना)
पृथ्वी की कक्षा मे एक्स 37 (चित्रकार की कल्पना)
एक्स 37बी मूल कार्यक्रम के अनुसार अंतरिक्ष शटल से उड़ान भरने वाला था लेकिन कोलंबिया शटल दुर्घटना के पश्चात इस कार्यक्रम मे बदलाव कर उसे डेलटा 2-7920 के साथ उड़ान भरने योग्य निर्माण किया गया। बाद मे उसे एटलस 5 के लिये परिवर्तन किये गये।
एक्स 37 पृथ्वी पर वापिसी के दौरान 25 मैक की गति के लिये बनाया गया है। इस यान मे उन्नत उष्णतारोधी आवरण,वैमानिकी उपकरण,  स्वचालित निदेशन उपकरण तथा उन्नत एअरफ़्रेम लगा हुआ है। इस यान मे राकेट्डायन एआर2-3 इण्जन लगे है।
वन्डेनबर्ग वायुसैनिक अड्डे पर एक्स ३७
वन्डेनबर्ग वायुसैनिक अड्डे पर एक्स 37
एक्स 37बी की पहली उड़ान (यु एस ए 212) एटलस 5 राकेट से केप केनावेरल वायुसेना केन्द्र से २२ अप्रैल 2010 23:58 जी एम टी पर हुयी। यान को निम्न पृथ्वी कक्षा(LEO -Low Earth Orbit) मे रखा गया।
वायु सेना ने इस उड़ान के बारे मे ज्यादा जानकारीयां नही दी क्योंकि यह कार्यक्रम गोपनिय है। लेकिन विश्व भर के शौकिया खगोल विज्ञानियो ने इस यान को कक्षा मे पहचान लिया और जानकारी पूरे विश्व भर मे वितरित कर दी। इन शौकिया खगोल विज्ञानियो ने बताया कि 22 मई 2010 को यह यान 39.99 डीग्री झुकाव पर था और हर 90 मिनिट मे पृथ्वी की 401 गुणा 422 किमी की कक्षा मे चक्कर लगा रहा है।
एक्स 37बी 3 दिसंबर 2010 को 1:16 PST को वेंडनबर्ग वायुसेना अड्डे पर उतर गया। सुरक्षा की दृष्टि से एडवर्ड्स वायु सेना अडडा यान के उतरने के लिये अतिरिक्त व्यवस्था के रूप मे चुना गया था।
तकनिकी जानकारियां
यात्री : कोई नही
लंबाई : 8.9 मीटर
पंखो की चौडाई :4.5 मीटर
उंचाई : 2.9 मीटर
कुल वजन : 4990 किग्रा
उर्जा निर्माण क्रेन्द्र : 1 राकेट इंजन
उर्जा : गैलीयम आर्सेनाईड सोलर सेल्स जिन्मे लीथियम आयन बैटरी लगी है।
पेलोड और पेलोड बे : 227 किग्रा. 2.1 x 1.2 मी
कक्षा मे गति : 28200 किमी/घंटा
कक्षा :LEO – निम्न पृथ्वी कक्षा


कक्षा मे समय : 270 दिनो तक
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