हमारे ब्रह्मांड मे ढेर सारी अबूझ पहेलीयाँ है, लेकिन पिछले कुछ समय से विश्व के खगोलशास्त्री एक अजीब सी उलझन में फंसे हुए हैं। इसकी वजह है एक अनोखा तारा। यह तारा काफी रहस्यमय है। इससे जुड़ी बातें इसे किसी भी अन्य ज्ञात तारे से अलग बनाती हैं।
यह तारा 2015 के अंतिम महिनो मे तथा 2016 के आरंभिक महिनो मे चर्चा मे आया था। यह तारा दो वर्ष पश्चात मई 2017 मे फ़िर से वैज्ञानिको की चर्चाओं का केंद्र बना हुआ है, वर्तमान के नये निरीक्षणो ने इस तारे की विचित्रता को फ़िर से उभारा है। इस तारे के प्रकाश मे वैसी ही कमी देखी जा रही है जो दो वर्ष पहले देखी गई थी। लेकिन इस बार यह कमी हम सीधे देख रहे है जबकि इसके पहले के निरीक्षणो मे हमने आंकड़े पिछले निरीक्षणो से पाये थे। समस्त विश्व के खगोल वैज्ञानिक दूरबीन से प्राप्त निरीक्षणो को लेकर ट्विटर पर सक्रिय हो चूके है।
यह तारा KIC 8462852 है, जोकि नासा के केप्लर अभियान के द्वारा निरीक्षित लाखों तारो मे से एक है। यह नाम टेबेथा बोयाजिअन(Tabetha Boyajian) के नाम पर है जो कि इस तारे की विचित्रता को पता लगाने वाली वैज्ञानिको की टीम की प्रमुख है। इस तारे को अब टैबी के तारे(Tabby’s Star) के नाम से भी जाना जाता है। KIC 8462852 तारा सूर्य से अधिक द्रव्यमान वाला, अधिक उष्ण तथा अधिक चमकिला है। वह पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाशवर्ष दूर है, यह दूरी थोड़ी अधिक है और इस तारे को नग्न आंखो से देखना कठिन है। इस तारे से प्राप्त केप्लर अंतरिक्ष वेधशाला के आंकड़े विचित्र है। इस तारे के प्रकाश मे कमी आती देखी गयी है, लेकिन उसका अंतराल नियमित नही है। प्रकाश मे आने वाली कमी की मात्रा भी अधिक है, एक बार प्रकाश पंद्रह प्रतिशत कम हुआ था तो एक बार 22 प्रतिशत।
केप्लर के आंकड़ो के आने से इस तारे के प्रकाश मे कमी सैंकड़ो बार देखी गयी है। प्रकाश मे आने वाले कमी के अंतराल मे किसी भी तरह की नियमितता नही है, कमी एक अनिश्चित अंतराल पर, अनिश्चित मात्रा मे हो रही है। इस कमी का व्यवहार भी अजीब है। किसी ग्रह से अपने मातृ तारे के प्रकाश मे आने वाली कमी का आलेख मे एक सममिती(Symmetry) होती है; प्रकाश पहले हल्का धीमा होता है , थोड़े अंतराल के लिये उसी मात्रा मे धीमा रहता है और वापस अपनी पुर्वावस्था मे आ जाता है। KIC 8462852 तारे के प्रकाश के निरीक्षण के 800 वे दिन के आंकड़ो मे ऐसा नही देखा गया है, प्रकाश धीरे धीरे कम होता है और अचानक तीव्रता से बढ़ता है।1500 वे दिन प्रकाश मे आने वाली मुख्य कमी के आलेख मे अनेक छोटी छोटी कमी की एक श्रृंखला है। इसके अलावा इस तारे के प्रकाश मे हर 20 दिन के पश्चात कुछ सप्ताह के लिए प्रकाश मे कमी होती है, कुछ समय बाद ये कमी गायब हो जाती है। कुल मिलाकर इस प्रकाश मे आने वाली कमी मे कोई निरंतरता नही है। यह अनियमित संक्रमणो के जैसा है और विचित्र है।
2015 मे प्राप्त आंकड़े इतने विचित्र थे कि कुछ वैज्ञानिको ने इस तारे के आसपास एक विशालकाय कृत्रिम रूप से निर्मित एलियन मेगास्ट्रक्चर की कल्पना कि थी जोकि तारे के चारो ओर बना सौरपैनलो का एक महाकाय गोला “डायसन स्फ़ियर” हो सकता है। ऐसा गोला इस तारे के प्रकाश को रोक सकता है।
पेन विश्वविद्यालय के खगोल वैज्ञानिक जैसन राईट कहते है
एलियन सभ्यता इस तरह के निरीक्षणो मे सबसे अंतिम अवधारणा होना चाहिये लेकिन इस तारे की गतिविधियों से ऐसा ही लगता है कि इस तारे के आसपास कुछ ऐसा है जो एलियन सभ्यता द्वारा निर्मित है।
कुछ अन्य वैज्ञानिको ने धूमकेतुओं के झुंडो की अवधारणा आगे बढ़ाई, कुछ वैज्ञानिको ने किसी विशाल ग्रह के मलबे द्वारा प्रकाश अवरोधित करने का विचार प्रस्तुत किया है। कुछ वैज्ञानिको ने KIC 8462852 तारे के आकार को अत्याधिक विकृत होने की अवधारणा को प्रस्तुत किया जिसमे यह तारा अपने विषुवत पर अत्याधिक फ़ुला हुआ है। लेकिन इन सभी अवधारणाओं को अन्य वैज्ञानिको ने खारीज कर दिया है।
किसी भी अवधारणा की पुष्टी के लिये सबसे बड़ी समस्या आंकड़ो की कमी है, हमारे पास इतने आंकड़े नही है कि हम किसी अवधारणा को स्वीकार या अस्वीकार कर सके।
बोयाजिअन ने कहा है कि
हम एक ऐसी स्थिति मे है कि हम कुछ नही कर सकते है। हमारे पास सभी उपलब्ध आंकड़े है लेकिन उनसे कुछ निष्कर्ष निकालने हमे और आंकड़े चाहिये। हमे इस घटना को प्रत्यक्ष देख कर आंकड़े जमा करने होंगे।
और बोयाजिअन की मांग के अनुसार KIC 8462852 ने उन्हे ऐसा मौका दे दिया है। इस तारे मे प्रकाश मे विचित्र कमी फ़िर से आ रही है। अब हमारे पास इस घटना के ताजा आंकड़े मिलेंगे, जिससे वैज्ञानिक उनके विश्लेषण से किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते है।
खगोल वैज्ञानिक जैसन राईट के अनुसार शुक्रवार 19 मई 2017 को इस तारे के प्रकाश मे कमी देखी गई और कुछ दिन मे यह कमी तीन प्रतिशत हो गई। वैज्ञानिको ने अन्य वैज्ञानिको को सचेत करते हुये दूरबीनो को इस तारे की ओर घूमाकर उसके प्रकाशवर्णक्रम के अध्ययन के लिये कहा है।
नीचे चित्र मे इस तारे के प्रकाश मे आई ताजा कमी दिखाई गई है।
जैसन राईट से इस सप्ताह की पत्रकार वार्ता मे पूछे जाने पर उन्होने कहा कि अभी इस तारे KIC 8462852 के रहस्य से पर्दा उठने मे देर है।
लेकिन अब समस्त विश्व के खगोल वैज्ञानिक लग गये है और हमारे पास ढेर सारे ताजा निरीक्षण के आंकड़े है। रहस्य पर से पर्दा उठने की संभावनाये पहले से बेहतर है कि इस तारे के प्रकाश ये विचित्र कमी क्यों आती है?
एलियन सभ्यता मे विश्वास रखने वालो के लिये अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने डायसन स्फियर जैसी संभावना को खारिज नही किया है, भले ही वह इसे अंतिम विकल्प के रूप मे लेकर चल रहे है। आने वाले कुछ महिने KIC 8462852 के लिये रोमांचक होंगे।
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